बागेश्वर उपचुनाव : करन माहरा के लिए अग्नि परीक्षा, क्या हो पाएंगे पास ?
बागेश्वर उपचुनाव को लेकर प्रदेश में सियासी गलियारों में हलचल है। जहां एक ओर बीजेपी अपनी जीत को लेकर आश्वस्त नजर आ रही है तो वहीं कांग्रेस भी जीतने का दावा कर रही है। लेकिन बागेश्वर उपचुनाव कांग्रेस और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के लिए किसी अग्नि परीक्षा से कम नहीं है।
बागेश्वर उपचुनाव करन माहरा के लिए अग्नि परीक्षा
उत्तराखंड में कांग्रेस का प्रदर्शन चुनावी नतीजे को लेकर 2014 के बाद से कुछ बेहतर नहीं रहा है। हालांकि 2022 की विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जरूर विधानसभा सीटों की संख्या में इजाफा किया हो लेकिन सरकार बनने से तब भी कांग्रेस कोसों दूर रही।
ऐसे में कांग्रेस संगठन को मजबूती प्रदान करने को लेकर 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को हार मिलने के बाद कांग्रेस हाई कमान ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा को जिम्मेदारी सौंपी। ताकि वो कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के नाते संगठन को मजबूत करें।
लेकिन करन माहरा चंपावत विधानसभा के उपचुनाव में उस जिम्मेदारी पर खरा नहीं उतर पाए और कांग्रेस को अब तक की सबसे शर्मनाक हार चंपावत में झलेनी पड़ी। वहीं हरिद्वार पंचायत चुनाव में भी पार्टी का प्रदर्शन कुछ बेहतर नहीं रहा। ऐसे में बागेश्वर विधानसभा का उपचुनाव कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के लिए भी एक अग्निपरीक्षा है।
उपचुनाव में जीत करन माहरा के लिए होगी बड़ी उपलब्धि
अगर कांग्रेस बागेश्वर विधानसभा का उपचुनाव जीत जाती है तो इससे बसंत कुमार जहां विधायक बन सकते हैं तो वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के खाते में एक बड़ी उपलब्धि दर्ज हो जाएगी। ये उपलब्धि कि उनके नेतृत्व में कांग्रेस में उपचुनाव में एक मिथक को भी उत्तराखंड में तोड़ा है। करन माहरा के नेतृत्व में कांग्रेस उत्तराखंड में मजबूत हो रही है।
उपचुनाव में हार, खड़े करेगी कई सवाल
अगर कांग्रेस को इस उपचुनाव में हार मिलती है तो इस से कांग्रेस संगठन पर भी कई सवाल खड़े होने का मौका कांग्रेस के ही कई नेताओं को मिल जाएंगे। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन महारा का उत्तराखंड में अब तक कमजोर नेतृत्व रहा है। कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष मथुरा तक जोशी भी मानते हैं कि बागेश्वर का उपचुनाव वास्तव में एक अग्नि परीक्षा है। लेकिन साथ ही वो इसमें जीत का दावा भी कर रहे हैं।
आने वाले समय में कांग्रेस नहीं कर पाएगी अच्छा प्रदर्शन – BJP
भाजपा की मानें तो कांग्रेस अभी तक उत्तराखंड में हुए चुनाव में मुह
की खा चुकी है। आने वाले समय में भी कांग्रेस किसी चुनाव में अपना अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाएगी। इसको लेकर भाजपा प्रवक्ता विपिन कैंथोला ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा राजनीति में परीक्षाएं चलती रहती हैं और हर परीक्षा में अभी तक कांग्रेस ने मुंह की खाई है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आने वाले बागेश्वर चुनाव में भी कांग्रेस मुंह की खाएगी। कांग्रेस को प्रत्याशी खोजने में ही परीक्षा देनी पड़ी हो तो चुनाव में वो क्या परीक्षा देंगे। अब देखना ये होगा कि बागेश्वर चुनाव में कौन जीत दर्ज कर पाता है और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन महारा अपनी अग्नि परीक्षा में सफल हो पाते हैं या नहीं।
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