#baba@ kedar -बाबा केदार के कपाट शीत काल के लिए हुए बन्द ,अब यहाँ विराजमान होंगे बाबा

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पुजारी द्वारा नियत किए गए समय के अनुसार बाबा केदारनाथ के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं अब बाबा केदारनाथ ओंकारेश्वर स्थित मुख मैथ में विराजमान होंगे भैयादूज के पावन पर्व पर केदारनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए सुबह 8ः30 बजे बंद कर दिए गए। इस दौरान बाबा केदार के जयकारों से धाम गूंज उठा।

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मंगलवार को केदारनाथ में बाबा केदार की पंचमुखी मूर्ति को विधि-विधान और पूजा-अर्चना के साथ भंडारगृह से मंदिर के सभामंडप में विराजमान कर दिया गया था। सुबह चार बजे से मंदिर के गर्भगृह में पूजा-अर्चना शुरू हुई। बाबा की चल उत्सव विग्रह डोली धाम से शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए प्रस्थान करते हुए रात्रि प्रवास के लिए पहले पड़ाव रामपुर पहुंचेगी।

17 नवंबर को बाबा केदार छह माह की शीत कालीन पूजा-अर्चना के लिए ओंकारेश्वर मंदिर में विराजमान हो जाएंगे। मुख्य पुजारी द्वारा धार्मिक परंपराओं का निर्वहन किया गया। बाबा केदार के स्वयंभू लिंग को समाधिरूप देकर पुष्प, अक्षत, पूजन सामग्री और भस्म से ढक दिया गया।

सुबह 7 बजे बाबा केदार की भोगमूर्ति को भंडारगृह से मंदिर के सभामंडप में लाया जाएगा। पंचमुखी भोगमूर्ति को चल उत्सव विग्रह डोली में विराजमान किया जाएगा। इसके बाद शुभ लग्न पर सुबह 8ः30 बजे कपाट बंद कर दिए जाएंगे।