विधानसभा बैकडोर भर्ती : माननीय गुनहगारों से हो सकती है रिकवरी, हाईकोर्ट ने ये क्या पूछ दिया

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उत्तराखंड में विधानसभा बैकडोर भर्ती मामले में अभिनव थापर ने जनहित याचिका दायर की थी। जिस पर हाईकोर्ट ने सुनवाई की है। जिस पर हाईकोर्ट ने पूछा है कि क्या माननीय गुनहगारों से रिकवरी हो सकती है। इस मामले की अगली सुनवाई 20 जून 2024 को होगी।

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सरकार ने की मामले की अनदेखी
उत्तराखंड में विधानसभा बैकडोर भर्ती में भ्रष्टाचार व अनियमितता के विषय में देहरादून निवासी कांग्रेस नेता व सामाजिक कार्यकर्ता अभिनव थापर की जनहित याचिका हाईकोर्ट में विचाराधीन है। जिसपर आज हाईकोर्ट नैनीताल में सुनवाई हुई। इस विषय पर विधानसभा ने एक जांच समीति बनाकर 2016 से भर्तियों को निरस्त कर दिया। लेकिन ये घोटाला राज्य 2000 में राज्य बनने से लेकर आज तक चल रहा था जिस पर सरकार ने अनदेखी की है।

सभी ने सादी इस बैकडोर भर्ती मामले में चुप्पी
विधानसभा बैकडोर भर्ती में अब तक अपने करीबियों को भ्रष्टाचार से नौकरी लगाने में शामिल सभी विधानसभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्रियों पर भी सरकार ने चुप्पी साधी हुई है। विधानसभा भर्ती में भ्रष्टाचार से नौकरियों को लगाने वाले ताकतवर लोगों पर हाईकोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में जांच कराने हेतु व लूट मचाने वालों से सरकारी धन की रिकवरी के लिए अभिनव थापर ने माननीय हाईकोर्ट नैनीताल में जनहित याचिका दायर की।

इस याचिका का हाईकोर्ट ने गंभीरता से संज्ञान लिया और सात जुलाई 2023 को हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता व विधानसभा दोनों पक्षों को आदेश दिए थे की जो भी “माननीय” इसमें दोषी हैं वो इस विषय में उत्तराखंड विधानसभा बैकडोर भर्ती घोटाले से संबंधित अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करे।

बोरोजगार युवाओं के हक की लड़ रहे लड़ाई – अभिनव थापर
याचिकाकर्ता अभिनव थापर ने माननीय हाईकोर्ट के समक्ष मुख्य बिंदु में सरकार के छह फरवरी के 2003 शासनादेश जिसमें तदर्थ नियुक्ति पर रोक, सरकारी धन के दुरुपयोग की वसूली, संविधान की आर्टिकल 14, 16 व 187 का उल्लंघन जिसमें हर नागरिक को नौकरियों के समान अधिकार व नियमानुसार भर्ती का प्रावधान है, उत्तर प्रदेश विधानसभा की 1974 व उत्तराखंड विधानसभा की 2011 नियमवलयों का उल्लंघन किया गया है ।

याचिकाकर्ता अभिनव थापर ने बताया कि हाईकोर्ट के आदेशों के क्रम में सभी तथ्यों सहित रिपोर्ट माननीय हाईकोर्ट के कार्यवाही हेतु दाखिल कर दी गई है। क्योंकि हम प्रदेश के 12 लाख से अधिक बेरोजगार युवाओं को उनका हक दिलवाने की लड़ाई लड़ रहे है।

“माननीयों” के खिलाफ हो कानूनी कार्यवाही
याचिकाकर्ता अभिनव थापर न बताया कि याचिका में हमारी मांग को मान लिया गया है कि राज्य निर्माण के वर्ष 2000 से 2022 तक विधानसभा में बैकडोर में भ्रष्टाचार से नियुक्तियों की गई है। हमारी मांग है कि गलत प्रक्रिया से नौकरी देने वाले अफसरों, विधानसभा अध्यक्षों व मुख्यमंत्रियों भ्रष्टाचारियों से सरकारी धन के लूट को वसूला जाए।

युवाओं की नौकरियों की लूट करवाने वाले “माननीयों” के खिलाफ कानूनी कार्यवाही हो। सरकार ने पक्षपातपूर्ण कार्य कर अपने करीबियों को नियमों को दरकिनार करते हुए नौकरियां दी हैं। जिससे प्रदेश के लाखों बेरोजगार व शिक्षित युवाओं के साथ धोखा किया गया है और ये सरकारों द्वारा जघन्य किस्म का भ्रष्टाचार है।

माननीय गुनहगारों से हो सकती है रिकवरी
जनहित याचिका के हाईकोर्ट के अधिवक्ता अभिजय नेगी ने बताया कि हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी व न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा युक्त पीठ ने इस याचिका के विधानसभा बैकडोर नियुक्तियों में हुई अनियमितता व भ्रष्टाचार विषय पर विधानसभा और याचिकाकर्ता को तथ्यों और रिकॉर्ड से भर्तियों में हुए भ्रष्टाचार पर सहमत हुए।

उन्होंने माना कि विधानसभा भर्तीयों में बड़ा घोटाला हुआ है। माननीय हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला लेते हुए विधानसभा स्पीकर को छह फरवरी के 2023 शासनादेश के अनुरूप कार्यवाही के लिए निर्देश दिए हैं। जिसमें “माननीयों से रिकवरी ” के साथ ही अन्य प्रावधानों का स्पष्ट उल्लेख है। इस मामले की अगली सुनवाई 20 जून 2024 को होगी।