उत्तराखंड की ऐसी विधानसभा सीट जहां पर आज तक रहा भाजपा कब्जा

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कांग्रेस ने आज प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी कर दी है। भाजपा दो फेज में लिस्ट जारी करेगी। टिकट को लेकर मंथन जारी है। खबर है कि इस बार कइयों के टिकट कट सकते हैं। ये अलग बात है लेकिन एक ऐसी विधानसभा सीट है जहां राज्य गठन से लेकर आज तक भाजपा का कब्जा रहा लेकिन वो सीट अभी बिन विधायक के हैं क्योंकि विधायक हरबंस कपूर का निधन हो चुका है. ये सीट भाजपा के लिए लक्की रही।

आज तक कोई अन्य पार्टी नहीं लहरा पाई जीत का परचम
आपको बता दें कि कैंट सीट भाजपा का मजबूत गढ़ रही है। राज्य के गठन से लेकर आज तक इसमे कोई पार्टी अपना परचम नहीं लहरा पाई और ना ही पार्टी के लिए यहां किसी तरह की कोई चुनौती खड़ी हुई। कैंट से विधायक दि. हरबंस कपूर के निधन के बाद ये निर्णय लेना भाजपा के लिए कठिन होगा कि किसे यहां से टिकट दिया जाए ताकि ये सीट उन्ही के कब्जे में रहे। बता दें कि भाजपा में सर्वाधिक दावेदार देहरादून जिले की इसी सीट पर हैं। सवाल ये है कि कांग्रेस यहां से किसे टिकट देती है।

हमेशा जीते हरबंस कपूर
आपको बता दें कि भाजपा के वरिष्ठ नेता हरबंस कपूर इस सीट पर हमेशा से जीते। वो एक बार भी नहीं हारे। उन्होंने किसी अन्य पार्टी को ये सीट कब्जाने का मौका तक नहीं तदिा। भाजपा के लिए किसी तरह की कोई चुनौती खड़ी नहीं हो पाई। इस बार भी भाजपा हरबंस कपूर पर दांव खेलने की तैयारी में थी लेकिन भाजपा को बड़ा झटका लगा। हरबंस कपूर का आसमयिक निधन ने भाजपा को शोक में डाल दिया। चुनाव से पहले सब समीकरण बद गए। अब सवाल ये उठ रहा है कि भाजपा यहां से किसे टिकट देगी और हरबंस कपूर का उत्तराधिकारी कौन होगा। सवाल है कि भाजपा हरबंस कपूर परिवार के ही किसी सदस्य पर भरोसा करती है या कोई नया चेहरा मैदान में खड़ा करती है लेकिन अगर कोई नया चेहरा मैदान में उतरता है तो क्या वों भाजपा को जीत दिला पाए। उम्मीद है कि भाजपा उनकी पत्नी को टिकट दे सकती है।