जमरानी पर वित्त की स्वीकृति पर अटकी नजरें लेकिन भट्ट ने किया यह बड़ा दावा

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जमरानी को धरातल पर लाने के लिए सबसे बड़ी बाधा विद्युत की स्वीकृति है पिछले कई सालों से भारतीय जनता पार्टी की सरकारी में काबिज हैं इसके अलावा उत्तर प्रदेश में भी भारतीय जनता पार्टी की सरकार है इसके बावजूद बड़ी सुस्त गति से इस पर कार्य आगे बढ़ रहा है लेकिन सबसे बड़ा अति सुंदर चुका है हालांकि प्रधानमंत्री सिंचाई योजना के तहत इसे जल शक्ति मंत्रालय ने स्वीकृति दे दी है लेकिन वित्त की स्वीकृति वित्त मंत्रालय से ही स्वीकृत होनी है बहुत बड़े बजट इस योजना के लिए स्वीकृत होना है

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केंद्र सरकार किस रूप में स्वीकृत कराती हैं यह देखने वाली बात है उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के तराई भाबर में पेयजल और सिंचाई की व्यवस्था के लिए शुरू की गई यह योजना 1975 76 से शुरू हुई थी लेकिन आधे अधूरे मन से शुरू हुई इस योजना में अब तक लागत ही कई 100 गुना बढ़ गई है. इसके बावजूद इस बहु आयामी योजना के लिए अभी तक कई सरकारें जाने के बाद वित्त की स्वीकृति नहीं हुई है लेकिन इस बीच रक्षा राज्य मंत्री और नैनीताल लोकसभा क्षेत्र से सांसद अजय भट्ट ने बड़ा दावा किया है कि बहुत जल्द ही इसके लिए वित्तीय स्वीकृति मिल जाएगी और जमरानी बांध योजना पर पंख लग जाएंगे.

पिछले तराई भाबर सहित मैदानी इलाकों में पेयजल और सिंचाई की व्यवस्था के लिए जमरानी बांध परियोजना जल्द धरातल पर उतरेगी। केंद्रीय रक्षा एवं पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट ने दावा किया है कि अब जमरानी बांध में अंतिम स्वीकृति बस एक कदम दूर है।


हल्द्वानी पहुंचे केंद्रीय रक्षा एवं पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट ने बताया कि हाल ही में केंद्रीय समिति की बैठक में जमरानी बांध परियोजना को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में सम्मिलित किया गया है। अब इस बांध परियोजना की अंतिम स्वीकृति होनी बाकी है। लगभग ढाई हजार करोड़ की इस परियोजना से तराई भाबर में पानी की समस्या और किसानों को सिंचाई की समस्या से निजात मिलेगी।


केंद्रीय मंत्री अजय भट्ट ने बताया कि जमरानी बांध में आने वाली सभी तरह की रुकावटों को केंद्र सरकार की सहायता से दूर कर लिया गया है। इस परियोजना में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को लेकर कई समस्याएं पैदा हो गई थी, लेकिन अब उन पर सहमति बन गई है, और बांध निर्माण को लेकर सभी स्वीकृतियां मिल गई हैं।


उन्होंने बताया कि जमरानी बांध से उधमसिंहनगर, हल्द्वानी और रामनगर जिले के कुछ हिस्सों में पेयजल और सिंचाई की समस्या को दूर हो सकेगी। साथ ही उत्तर प्रदेश के भी कुछ हिस्सों को परियोजना से लाभ मिलेगा। गौरतलब है कि इस परियोजना से सैकड़ों परिवारों का विस्थापना होगा।