#arto# vimalpandey एआरटीओ विमल पाण्डेय की फ़िल्म यंग बाइकर्स बनी युवाओं की पहली पसंद हो गई हॉउस फुल

ख़बर शेयर करें

हल्द्वानी एसकेटी डॉट कॉम

Ad
Ad

हल्द्वानी में एआरटीओ के पद पर तैनात डायनामिक अधिकारी विमल पांडेय समाजिक जन सरोकारों के लिए भी हमेशा प्रयासरत रहते हैं युवाओं में बाइक्स के प्रति बढ़ते क्रेज एवं तेज रफ्तार से चल रहे बाइक्स से हो रही जनहानि को समाज के बीच रखने के लिए उन्होंने एक लेखक के तौर पर सामने आकर इस समस्या के समाधान के लिए लोगों के बीच सुझाव रखे हैं.

उनके द्वारा लिखी गई और उत्तराखंड की स्थानीय कलाकारों के द्वारा अभिनीत फिल्म ने पहले 3 दिन रिकॉर्ड बना दिए पहले दिन जब यह 17 फरवरी को जान मल्टीप्लेक्स पर रिलीज हुई तो फुल हो गई और एडवांस टिकटों की बिक्री के चलते अगले 2 दिन के लिए भी यह हाउसफुल है.

विमल पांडे की लिखित व निर्देशित फिल्म फिल्म का उद्देश्य दिन-प्रतिदिन बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं पर आधारित है। सड़क दुर्घटनाओं में हजारों लोग मारे जा रहे हैं, सड़कों पर प्रतिदिन होने वाली दुर्घटनाओं को सड़क सुरक्षा, शिक्षा के माध्यम से रोकने और लोगों को जागरूक करने का प्रयास करती फिल्म जन सामान्य व युवाओं हेतु अत्यंत उपयोगी है।

फिल्म में सड़क सुरक्षा दुर्घटना पीडि़त की सहायता, सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक जानकारी दी गई है।शिक्षाप्रद फिल्म में एक युवा जोड़े की प्रेम कहानी है जो युवाओं को समझदारी व अपने करियर पर फोकस करने के साथ मित्रता पूर्ण संबंधों की तरफ ध्यान केंद्रित करती है। यह सेकंड हैंड वाहन खरीदने में बरती जाने वाली सावधानियों पर भी बात करती है।

फिल्म में युवाओं का एक समूह तकनीकी के प्रयोग व अपने साहस से इंटरनेशनल ऑटो लिफ्टर गैंग का पर्दाफाश भी करता है एवं शिक्षा, सुरक्षा, प्रेम, मनोरंजन व जिम्मेदारी पूर्ण व्यवहार करने की तरफ प्रेरित करती है। फिल्म की पूरी शूटिंग उत्तराखंड के रुद्रपुर में हुई है। सलीम काला नाम है मेरा, नाम भी काला, धंधा भी काला और शकल भी काली, काफी लोकप्रिय हो रहा है। फिल्म को स्कूल के विद्यार्थियों, युवाओं को अभियान चलाते हुए दिखाई जानी चाहिए, ताकि होने वाली दुर्घटनाओं को रोका जा सके।