Ankita Murder Case: साल 2022 में हुई लापता, छह दिन बाद नहर में मिला शव, जानें हत्याकांड की पूरी कहानी


Uttarakhand Ankita Murder Case: अंकिता भंडारी हत्याकांड-तीन दोषी, 97 गवाह, 1 VIP और 500 पन्नों की चार्जशीट में उलझा एक ऐसा मामला जिसमें आज करीब तीन साल बाद(Ankita Murder Case) फैसला आ गया। जिसका पूरे उत्तराखंड को ही नहीं बल्कि देश को इंतजार था। करीब दो साल आठ महीने की लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद आखिरकार अंकिता भंडारी को न्याय मिल गया है।
अदालत ने तीनों आरोपियों दोषी करार देकर सजा सुना दी है। तीनों दोषियों को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने आजीवन कारावास के साथ-साथ 50-50 हजार रुपए का अर्थ दंड और अंकिता के परिजनों को चार लाख रुपए देने का फैसला सुनाया।

19 साल की अंकिता भंडारी की हत्या Uttarakhand Ankita Murder Case
18 सितंबर 2022 को यमकेश्वर के वनंत्रा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के तौर पर काम करने वाली 19 साल कि अंकिता कि हत्या कर दी गई। वजह रिजॉर्ट में आने वाले VIP अतिथि की एक्स्ट्रा सर्विस। रिजॉर्ट के मालिक पुलकित ने अंकिता को VIP गेस्ट को एक्स्ट्रा सर्विस देने की बात कही लेकिन अंकिता ने साफ इंकार कर दिया। जिसके बाद पुलकित ने अपने दो कर्मचारियों के साथ मिलकर अंकिता की हत्या कर दी और शव को चीला नहर में फेंक दिया।

Ankita Murder Case में कब क्या हुआ?
- 20 सितंबर 2022 को रिजॉर्ट के मालिक पुलकित ने अंकिता के गुम होने की शिकायत राजस्व क्षेत्र पट्टी उदयपुर पल्ला में की।
- लोगों के प्रदर्शन के बाद 22 सितंबर 2022 को जिलाधिकारी के आदेश से ये मामला नियमित पुलिस लक्ष्मणझूला थाने को दिया गया।
- लक्ष्मण झूला पुलिस की जांच में पुलकित, अंकित और सौरभ से पूछताछ के दौरान पता चला कि उन्होंने 18 सितंबर को अंकिता की हत्या कर दी।
- जब ये मामला सामने आया तो पूरे उत्तराखंड में आक्रोश फैल गया। सोशल मीडिया से लेकर सड़कों तक लोग अंकिता के लिए इंसाफ की मांग करने लगे। विरोध बढ़ने के बाद इस मामले में आरोपी रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, और उसके दो कर्मचारी सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को 24 घंटे के अंदर जेल भेज दिया गया।
- सरकार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए SIT का गठन किया और अंकिता के परिवार को 25 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी गई। साथ ही अंकिता के पिता और भाई को सरकारी नौकरी भी दी गई।
- हालांकि अंकिता भंडारी का मामला यूं ही चलता रहा। SIT की जांच के दौरान कई गंभीर सवाल भी उठे। जब अंकिता का शव मिला। उसके कुछ ही घंटों में वनंत्रा रिज़ॉर्ट पर बुलडोजर चला दिया गया। जिससे सबूत नष्ट होने की आशंका जताई गई। इस पर भी काफी विवाद हुआ।
- अंकिता भंडारी हत्याकांड में कुल 500 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की गई। जिसमें 97 गवाहों के बयान शामिल थे।
- अंकिता के परीजनों की मांग पर तीन बार सरकारी वकील बदले गए।
- विपक्षी पार्टियों ने वीआईपी कनेक्शन की जांच की मांग की। लेकिन अदालत में इसका कोई साक्ष्य नहीं मिल पाया।
- अंकिता की मां ने एक भाजपा नेता पर नाम लेकर आरोप लगाए। जिससे राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई।
- अंकिता हत्याकांड में सीबीआई जांच की मांग उठी। लेकिन इस केस कि जांच SIT ने ही की सोमवार को अदालत में आखिरी बहस के दौरान विशेष लोक अभियोजक अवनीश नेगी ने तीनों आरोपियों को कड़ी सजा देने की मांग की।
- हालांकि अब करीब दो साल आठ महीने की लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद आखिरकार आज अदालत ने 30 मई 2025 को तीनों आरोपियों दोषी करार देकर उम्रकैद की सजा सुनाई है।
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