कार्यशैली से नाराज विधायक कैड़ा बरसे अधिकारियों पर,वीडियो वायरल, सरिता ने भी जताई नाराजगी

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मानसून का मौसम आने के साथ मूसलाधार बारिश होने की संभावना काफी बढ़ जाती है जिसके तहत कई बार भूस्खलन जलभराव आदि की समस्या सामने आती है एक ऐसा ही मामला हल्द्वानी के रानी बाग क्षेत्र से सामने आ रहा है वहां पर भीमताल को जोड़ने वाला पुल भारी बारिश के चलते क्षतिग्रस्त हो गया और फूल की दीवार टूट कर नीचे नदी में गिर गई जिसकी वजह से भीमताल भवाली व ओखल कांडा के साथ कुमाऊ के कई जिलों का कम्युनिकेशन टूट गया। लेकिन पुल के टूट जाने की वजह से पहाड़ी यातायात की समस्या उत्पन्न हो गई थी जिसको देखते हुए यातायात को वीरपट्टी की तरफ डायवर्ट कर दिया गया लेकिन जैसे ही भीमताल विधायक राम सिंह कैड़ा को पुल के टूटने का पता चला तो विधायक अपने दल-बल के साथ वहां पहुंच गए और वहां पर पुल का जो हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया था ।

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उसका निरीक्षण किया और विधायक की तरफ से पुल बनाने वाली कंपनी के अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई गई। उन्होंने कहा कि निर्माणाधीन कंपनी की खराब कार्यशैली के चलते पुल क्षतिग्रस्त हो गया और जिस समय पूरी बनाया जा रहा था उस समय पुल बनाने के लिए आसपास के दीवारों चट्टानों की कटाई की गई जिसकी वजह से चट्टान काफी कमजोर हो गई और आज ये पुल ढ़ह गया जिसका कारण कंपनी के सुस्त कार्यशैली है। वहीं विधायक के द्वारा कहा गया कि कुमाऊं की लाइफ लाइन कहे जाने वाले इस पुल से बड़े पैमाने पर भीमताल ओखल कांडा धारी के किसान अपनी फल सब्जियों को लेकर हल्द्वानी जाते है ऐसे में पुल टूटने की वजह से उन्हें काफी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा इसकी पूरी जिम्मेदारी निर्माण कंपनी और जिला प्रशासन की है और ऐसे में जहां बारिश के चलते पुल टूट चुका है और स्थानीय लोगों को पुल टूटने की वजह से काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है

वहीं दूसरी ओर पुल टूटने के मामले पर नैनीताल की पूर्व विधायक व कांग्रेस की महिला अध्यक्ष सरिता आर्या ने इस मामले पर भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार अभी तक अपने मुख्यमंत्री बदलने में ही व्यस्त है और अपने तीन मुख्यमंत्रियों को बदल दिया है अगर अपने मुख्यमंत्रियों को बदलने से समय तो मिलता तो आम जनता की सूद लेती। अगर सरकार के द्वारा समय पर आम जनता की परेशानियों को देखा जाता है और सरकार के द्वारा समय पर इस मामले में ध्यान रखा जाता तो पुल टूटने की घटना नहीं होती और आम जनता को इस प्रकार की परेशानी का सामना करना नहीं पड़ता।