नामचीन गायक बी के सामंत आखिर क्यों की पंचेश्वर को जोशीमठ की राह पर न लें जाने की अपील (देखें वीडियो )
जन सरोकारों से जुड़े हुए गीतकार बीके सामंत ने जोशीमठ की आपदा पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि यहां के मूल निवासियों को आंगन और बरसों पुरानी यादों को छोड़ कर जाना होगा वह जहां भी रहेंगे जैसा सकून नहीं मिल पायेगा जैसा उन्हें अपनी मातृभूमि में मिलता आया है.
अपने गीतों के माध्यम से जन सरोकारों को उठाने वाले भी किसानों के साथ एक भेंटवार्ता में उन्होंने कहा कि जोशीमठ से भयंकर हाल पंचेश्वर बांध के निर्माण के बाद हो सकते हैं इस बांध के निर्माण से वहां के जन जीवन भर विपरीत प्रभाव पड़ना लाजमी है.
उन्होंने कहा कि विकास आज के जीवन में आवश्यक अंग है लेकिन ऐसा विकास भी क्या जिसके लिए जब जन सरोकार ही खत्म हो जाए और जीवन ही ना रहे तो ऐसी विकास का क्या अर्थ रह जाएगा.
वी के सामंत ने अपनी रचनाओं के माध्यम से यह बात को करने का प्रयास किया है कि जो विकास हो रहा है उसे नदी नाले और गधेरों पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है. बड़ी-बड़ी मशीनों से किए जा रहे निर्माण से पर्वतों के अंदर से बह रही जल धाराओं के रास्ते बंद होने का खतरा पशु पक्षी तथा प्राकृतिक जड़ी बूटियां निश्चित रूप से समाप्ति की ओर चले जाएंगे अपने गानों के माध्यम से उन्होंने सरोकार के प्रति समर्पित लोगों को चेताते हुए कहा कि अभी से जाग जाए जाए नहीं तो काफी देर हो जाएगी उन्होंने सरकारों से उम्मीद व्यक्त की है के नाम पर विकास के नाम पर प्रकृति से खेल न खेलें.
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