UCC लागू होने के बाद प्रदेश में बदल सकते हैं कई नियम, लिव इन रिलेशनशिप को लेकर भी कानून में हो सकता है प्रावधान

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सीएम पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा चुनाव से ठीक पहले प्रदेश की जनता से वादा किया था कि उनकी सरकार की वापसी होने पर प्रदेश में समान नागरिक संहिता यानी कि कॉमन सिविल कोड को लागू किया जाएगा। जिसके तहत सभी धर्मों के लोगों के लिए एक कानून बनाया जाएगा। आज उसी कानून को बनाए जाने को लेकर तेजी से काम चल रहा है।

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कॉमन सिविल कोड को लेकर गठित की गई कमेटी ड्राफ्ट तैयार करने के लगभग अपने अंतिम दौर में पहुंच चुकी हैं। लेकिन इस दौरान कमेटी की जो सुझाव प्राप्त हुए हैं उन पर गौर फरमाए तो कॉमन सिविल कोड लागू होने के बाद प्रदेश में बहुत नियम कानून बदलने वाले हैं। जिससे प्रदेश सरकार की वाहवाही भी जरूर होने वाली है।

बढ़ाई जा सकती है लड़कियों की शादी की उम्र
कमेटी को जो सुझाव मिल रहे हैं उनमें लड़कियों की शादी की उम्र 18 से ऊपर बढ़ाए जाने के सुझाव भी प्राप्त हुए हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि हो सकता है कि लड़कियों की शादी की उम्र को बढ़ाया जा सकता है। इसके साथ ही सभी धर्मों के लड़कियों और लड़कों की शादी की उम्र एक समान किए जाने की भी सुझाव मिले हैं।

अभी तक कई धर्मों में लड़कियों की और लड़कों की शादी की उम्र तय नहीं है। लेकिन कॉमन सिविल कोड लागू होने पर सभी धर्मों के लड़कों और लड़कियों की शादी की उम्र भी एक समान तय हो जाएगी।

संपत्ति बंटवारे को लेकर लड़कियों को मिल सकता है एक जैसा अधिकार
लड़कियों को संपत्ति बंटवारे में लड़कों के बराबर अधिकार मिलेगा या नहीं इसको लेकर भी कमेटी के पास कई सुझाव आए हैं। जिसके तहत चर्चा इस बात की भी है कि अगर किसी लड़की की शादी होने पर वो ससुराल से किन्ही कारणों से छूटती है या फिर तलाक के बाद वो वापस मायके आती है, तो उसको भी संपत्ति में बराबरी जैसा अधिकार मिले। इस पर भी फैसला हो सकता है। सभी धर्मों के लिए संपत्ति बंटवारे को लेकर लड़कियों को एक जैसा अधिकार मिल सकता है।

शहीद के परिजनों को मिल सकता है संपत्ति का अधिकार
शहीद के परिजनों को भी बेटे के शहीद होने पर बेटे की संपत्ति के साथ अन्य अधिकार दिए जाने के भी सुझाव प्राप्त हुए हैं। अभी तक शहीद होने पर केवल पत्नी को ही शहीद की संपत्ति और शहादत पर मिलने वाली राशि का हक है।

लेकिन उत्तराखंड में जिस तरीके से बड़ी तादाद में सेना में जवान काम करते हैं। उसके बाद भी शहादत होने पर मां बाप बेसहाय भी हो जाते हैं। उसको देखते हुए कमेटी शहीद के मां-बाप को लेकर भी कोई बड़ा निर्णय ले सकती है।

जिस तरीके से मां बाप की संपत्ति पर पूर्ण तरीके से उनके पुत्रों का अधिकार होता है। ठीक उसी तरीके से अगर किसी का बेटा अच्छी आय प्राप्त कर रहा है और उसके मां-बाप की आर्थिक स्थिति सही नहीं है तो उस आधार पर भी बेटे की संपत्ति पर मां बाप का अधिकार मिलने को लेकर सुझाव मिले हैं। जिस पर भी कमेटी ड्राफ्ट में कोई बड़ा सुझाव दे सकती है ।

आधार कार्ड से शादी का स्टेट्स हो सकता है लिंक
अभी तक शादी के बाद रजिस्ट्रेशन की अनिवार्यता नहीं है। लेकिन जिस तरीके से पत्नी को धोखा देकर कई शादियां आज के समाज में कई जगह देखने को मिलती हैं। उसे देखते हुए शादी को लेकर रजिस्ट्रेशन की अनिवार्यता और आधार कार्ड से इसे शादी के स्टेट्स को लिंक किए जाने के सुझाव भी मिले हैं।

लिव इन रिलेशनशिप पर हो सकता है प्रावधान
आज के समाज में लिव इन रिलेशनशिप का मुद्दा सबसे ज्यादा गर्म आया हुआ है। इसलिए कॉमन सिविल कोर्ट को लेकर गठित की गई कमेटी को लिव इन रिलेशनशिप को लेकर भी कई तरीके के सुझाव मिले हैं। कुछ लोग जहां लिव इन रिलेशनशिप को सही ठहरानी का सुझाव दे रहे हैं।

तो कई लोग इसको पूरी तरीके से गलत ठहराने की राय दे रहे हैं। तो वहीं कुछ लोग लिविंग रिलेशनशिप के लिए भी रजिस्ट्रेशन के जरिए साथ रहने का सुझाव दे रहे हैं। ऐसे में लिव इन रिलेशनशिप को लेकर कमेटी क्या कुछ रुक स्पष्ट करेगी इस पर भी सभी की नजरें रहेंगी।