8th Pay Commission के लागू होने पर इतनी बढ़ जाएगी सैलरी, आसान भाषा में समझें पूरा कैलकुलेशन
देश के केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारक के लिए एक अच्छी खबर है। बीते दिन यानी गुरुवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सरकारी कर्मचारियों की सैलरी और पेंशनभोगियों के भत्तों में संशोधन के लिए 8वें वेतन आयोग के गठन (8th Pay Commission) के लिए हामी भर दी। मंत्रिमंडल की बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई। जहां 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दी गई। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव की माने तो जल्द ही आयोग के अध्यक्ष और दो सदस्यों की नियुक्ति जल्द ही की जाएगी। इस आठवें वेतन आयोग में कर्मचारियों की सैलरी में बढ़ोतरी (8th Pay Commission Salary Hike) की जाएगी।
कौन इस वेतन आयोग के अंदर आता है?
7वें वेतन आयोग की माने तो केंद्रीय सरकारी कर्मचारी में वो लोग आते हैं जो केंद्र सरकार की सिविल सेवाओं में काम करते हैं और उन्हें भारत सरकार की समेकित निधि से वेतन मिलता है। इस निधि में सरकार अपने सभी राजस्व एकत्र करती है। हालांकि, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSUs) और स्वायत्त निकायों के कर्मचारी, साथ ही ग्रामीण डाक सेवक, सातवें वेतन आयोग के अंतर्गत नहीं आते। इसका मतलब ये है कि जिन कर्मचारियों का संबंध कोल इंडिया जैसे संस्थानों से है, वे इस आयोग के दायरे में नहीं हैं।
सातवें वेतन आयोग का गठन केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों के वेतन ढांचे को हर दशक में एक बार सुधारने के लिए करती है। इसके अलावा, आयोग का एक विशिष्ट संदर्भ अवधि (TOR) होता है, जो इसके कार्यक्षेत्र को स्पष्ट करता है। यह वेतन आयोग पेंशन भुगतान भी तय करता है। 7वां वेतन आयोग 2016 में स्थापित किया गया था, और इसका कार्यकाल 2026 में समाप्त होगा।
फिटमेंट फैक्टर बढ़ाने की भी मांग
8वें वेतन आयोग(8th Pay Commission) के साथ-साथ संयुक्त सलाहकार समिति की राष्ट्रीय परिषद ने फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाने की मांग भी सरकार से की है। बता दें कि 7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) में फिटमेंट फैक्टर की दर 2.57 थी। इसी दर को आठवें वेतन में बढ़ाकर 2.86 करने की मांग की जा रही है। बताते चले कि इसी फिटमेंट फैक्टर के आधार पर सैलरी आयोग लागू होता है। वेतन और पेंशन में भी इस वजह से इजाफा होता है।
समझें सैलरी का कैलकुलेशन (8th Pay Commission salary hike)
अगर हम 7वें वेतन आयोग का कैलकुलेशन देखें तो पहले, यानी इससे पहले की स्थिति में, न्यूनतम बेसिक सैलरी 7 हजार रुपये थी। लेकिन 7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 कर दिया गया, जिससे बेसिक सैलरी 7 हजार से बढ़कर 18 हजार रुपये हो गई। इसका मतलब ये था कि 7 हजार रुपये को 2.57 से गुणा किया गया, जिससे बेसिक सैलरी 18 हजार हो गई।
अब, अगर 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.86 किया जाता है, तो न्यूनतम बेसिक सैलरी 18 हजार से बढ़कर 51,480 रुपये(8th Pay Commission Salary Hike) हो जाएगी। इसका मतलब है कि सैलरी में करीब 3 गुना बढ़ोतरी हो सकती है।
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