आखिर क्यों यहां पुलिस के इकबाल को चुनौती, वारदातों ने उठाए सवाल
उधम सिंह नगर में पुलिस के इकबाल को बड़ी चुनौती मिली है। 12 घंटें के भीतर दो मौतों ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा दिए हैं। कल शाम यूपी एसओजी के जवानों के साथ हुई ग्रामीणों की भिड़ंत में एक महिला की मौत हो गई जबकि अगली ही सुबह एक किसान नेता की गोली मारकर हत्या कर दी गई। 12 घंटे के भीतर हुईं दो बड़ी घटनाओं ने पुलिसिंग पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
बुधवार शाम यूपी एसओजी और काशीपुर के कुंडा इलाके में हुई घटना में एक महिला की मौत हो गई। यूपी एसओजी और यूपी की मुरादाबाद पुलिस यहां एक खनन माफिया की तलाश में दबिश देने पहुंची थी। इसी दौरान यूपी एसओजी और स्थानीय लोगों के बीच झड़प हो गई।
इस झड़प में जहां एक ओर एक महिला की मौत हो गई वहीं दूसरी ओर छह पुलिसकर्मियों घायल हो गए हैं। पुलिसिंग का आलम ये कि इनमें से दो पुलिस कर्मियों की हालत गंभीर बताई जा रही है और दोनों को गोली मारी गई है। यही नहीं यूपी एसओजी के प्रभारी और एक जवान काफी देर तक बंधक बनाकर रखे गए। किसी को इनके बारे में जानकारी नहीं मिली। बाद में ग्रामीणों ने खुद ही उन्हे छोड़ा। इन दोनों की पिटाई की भी खबरें हैं।
वहीं काशीपुर में अगले ही दिन सुबह सबरे मनबढ़ हत्यारों ने एक खनन व्यवसायी और स्थानीय नेता की गोली मारकर हत्या कर दी। दिन के उजाले में हुई इस वारदात में हत्यारे खुलेआम खनन व्यापारी के घर पहुंचे और उसकी हत्या कर आसानी से फरार हो गए।
इन दोनों ही वारदातों ने पुलिसिया इकबाल पर सवाल खड़े कर दिए हैं। न सिर्फ उधम सिंह नगर बल्कि राज्य की कानून व्यवस्था भी सवालों के घेरे में है। ऐसा इसलिए क्योंकि हाल ही में यूपी एटीएस ने कुछ संदिग्ध आतंकियों को पकड़ा है।
इनमें से एक शख्स हरिद्वार में काफी समय से रह रहा था। बताया जा रहा है कि आरोपी पिछले काफी समय से गजवा ए हिंद की विचारधारा के प्रचार प्रसार के लिए काम कर रहा था। वो युवाओं को इसके लिए तैयार कर रहा था। हैरानी है कि न तो पुलिस और न ही लोकल इंटेलीजेंस यूनिट को इसकी भनक लगी। जब यूपी एटीएस ने इन्हे पकड़ा तो इसका खुलासा हुआ।
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