नैनीताल में हुई रिकॉर्ड तोड़ बारिश,लबालब हुई नैनीझील,देखे वीडियो

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नैनीताल में 24 घंटे के भीतर 174.00 मिलीमीटर(एम.एम.)बरसात पड़ने से सामान्य स्थितियां भी असामान्य हो गयी। आम तौर पर बरसात 10-15 एम.एम. होती है और 50-60 ज्यादा मानी जाती है नैनीझील से लगातार पानी निकासी की जा रही है।नैनीताल में मानसून सीजन के दौरान काफी बरसात देखने को मिलती है। अधिकतर हल्की बरसात के बीच कभी कभी बड़ी बूंदों वाली तेज बरसात से फ़्लैश फ्लड की स्थिति बन जाती है

नैनीझील से लगातार पानी निकासी की जा रही है।
नैनीताल में मानसून सीजन के दौरान काफी बरसात देखने को मिलती है। अधिकतर हल्की बरसात के बीच कभी कभी बड़ी बूंदों वाली तेज बरसात से फ़्लैश फ्लड की स्थिति बन जाती है। इसमें आसमान से पानी तेजी से गिरता है और ढलान में बहने लगता है। पानीं को नियंत्रित करने के लिए जगह जगह नालियां/नाले बनाए गए हैं

video link- https://youtu.be/0Cls0cA_uQw?si=HGLiXNWurL3bNHvN

ये फ़्लैश फ्लड नालियों से होते हुए सीधे नैनीझील में समा जाता है और झील का जलस्तर खतरे को छूने से पहले ही निकासी गेटों को खोलना पड़ता है। पहले शहर की सड़कें कच्ची हुआ करती थी या उनमें ईठ बिछी थी, जिसमें पानी रीसकर भूमि के अंदर चला जाता था। मान्यता के अनुसार ये पानीं धरती के अंदर होते हुए दो से तीन माह में नैनीझील को प्राकृतिक श्रोत के रूप में मिल जाता था। अब पानी फ़्लैश फ्लड के रूप में सीधे निकल जाता है।

पेयजल की अधिक आपूर्ति, विंटर रेन का कम होना और झील में श्रोतों के बन्द होने के कारण मार्च से ही झील का जलस्तर कम होने लगता है।


बरसात को लेकर जनवरी से जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार अबतक 1935एम.एम.बरसात हो चुकी है। आज नैनीझील का जलस्तर 10 फीट और 2 इंच रखा गया है। झील को 12 फीट पर खतरा माना जाता है जब पानी ओवरफ्लो हो जाता है। झील की देखरेख करने वाला सिंचाई विभाग दस फीट पार होते ही निकासी गेट खोल देता है।