यहां 13 साल की मासूम से 8 लोगों ने किया दुष्कर्म, 4 गिरफ्तार
राजधानी में एक किशोर समेत आठ लोगों ने 13 साल की बच्ची से सामूहिक दुष्कर्म किया। पुलिस ने इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनकी पहचान मोहित (20), आकाश (19), शाहरुख (20) और एक किशोर के रूप में हुई है। पुलिस उपायुक्त (दक्षिण जिला) बनिता मैरी जैकर ने बताया कि पीड़िता 24 अप्रैल को शाम करीब पांच बजे सब्जी खरीदने बाजार गई थी।
डीसीपी ने कहा, “लड़की ने शनि बाजार के लिए एक ऑटो लिया जो उसके घर से लगभग 2 किमी दूर था।”
ऑटो शाहरुख चला रहा था और उसे शनि बाजार में छोड़ने के बजाय, उसने अपने दो दोस्तों आकाश और एक किशोर को बुलाया और उसे ओखला में एक सुनसान जगह पर ले गया, जहां उन्होंने उसे नशीला पेय दिया और ऑटो में उसके साथ दुष्कर्म किया।
इसके बाद वे पीड़िता को तिगरी स्थित जेजे कैंप ले गए, जहां एक और युवक की पहचान सलमान चेसी के रूप में हुई और चार अन्य युवकों ने पीड़िता के साथ फिर से दुष्कर्म किया और उसे पूरी रात वहीं रखा।
अगले दिन सुबह सलमान चेसी अपने चार दोस्तों के साथ पीड़िता को मथुरा के कोसी कलां ले गए।
डीसीपी ने कहा, “उन्होंने बच्ची को एक दिन के लिए वहां रखा और अगले दिन यानी 26 अप्रैल को वे उसे वापस दिल्ली ले आए और 30 अप्रैल तक तिगरी में रखा।”
इस बीच पुलिस को 26 अप्रैल को लड़की के अपहरण की शिकायत मिली और प्राथमिकी दर्ज की गई। लेकिन पुलिस ने उसका पता नहीं लगाया।
एक मई को पीड़िता खुद साकेत मेट्रो स्टेशन पहुंची। उसी दिन पुलिस को पूरी घटना की जानकारी मिली और बाद में दुष्कर्मी किशोर को पकड़ लिया गया।
अधिकारी ने कहा, “किशोर ने अपना अपराध कबूल किया और उसके कहने पर दो और लोगों- मोहित और आकाश को गिरफ्तार किया गया। उन सभी ने अपराध में शामिल होना कबूल किया, लेकिन लड़की की पहचान नहीं बता सके।”
एक दिन बाद 2 मई को पुलिस को एक महिला का फोन आया जो साकेत मेट्रो स्टेशन के पास खड़ी थी। पुलिस ने साकेत मेट्रो स्टेशन पर लापता लड़की के पोस्टर चिपकाए थे, जिसमें जांच अधिकारी का नंबर भी दिखाया गया था। फोन करने वाले ने बताया कि लापता लड़की उसके बगल में खड़ी है।
पुलिस साकेत मेट्रो स्टेशन पहुंची और पीड़ित किशोरी को आगे की जांच के लिए एक महिला पुलिस अधिकारी को सौंप दिया गया।
अधिकारी ने कहा, “लड़की की मेडिकल जांच एम्स में की गई। रिपोर्ट में पुष्टि हुई कि लड़की का यौन शोषण किया गया है।”
पुलिस ने पहले दर्ज प्राथमिकी में आईपीसी की संबंधित धाराओं के अलावा पॉक्सो अधिनियम भी जोड़ा।
बाकी आरोपितों को पुलिस अभी तक गिरफ्तार नहीं कर पाई है। जिस ऑटो में पीड़िता को अगवा कर ले जाया गया, उसका भी अभी तक पता नहीं चल पाया है।
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