29 निलंबित आबकारी अधिकारियों को ईडी का समन, इनमें एक महिला आईएएस के पति भी





सभी को हाल में सुप्रीम कोर्ट ने राहत दी थी
रायपुर, 1 अक्टूबर। ईडी रायपुर 32 सौ करोड़ के आबकारी घोटाले पर बड़े एक्शन की तैयारी में है। ईडी ने 29 अधिकारियों को पूछताछ के लिए तलब किया है। इनमें वे सभी अधिकारी हैं जिन्हें पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने राहत दी थी। इनमें एक महिला आईएएस के पति भी शामिल हैं।सभी अफसरों को अलग-अलग तारीखों पर बुलाया गया है।
जिन अफसरों को समन किया गया है उनमें एक अतिरिक्त कमिश्नर,5 उपायुक्त, 14 सहायक आयुक्त,7 जिला आबकारी अधिकारी,3 अन्य अधिकारी शामिल हैं। इनमें से 7 अधिकारी रिटायर हो चुके हैं। और बाक़ी सस्पेंड हैं।
ईडी के प्रॉसिक्यूटर और डिप्टी एजी सौरभ पांडे ने पुष्टि की कि इन्हें 23 सितंबर को समन भेजकर पूछताछ के लिए ईडी ने बुलाया था। लेकिन उस दिन अफसर एसीबी के केस में स्पेशल कोर्ट में पेश हुए थे, इसलिए ईडी दफ्तर में नहीं पहुंच पाए थे, इसलिए सभी को ईडी ने फिर बुलाया है।
शराब स्कैम की जांच के बाद ईओडब्लू के चालान में 29 आबकारी अफसरों को आरोपी बनाया गया है। सभी अफ़सर इस केस में सुप्रीम कोर्ट से ज़मानत पर हैं। अब इस मामले में ईडी की दोबारा एंट्री हो गई है, क्योंकि शराब स्कैम की जांच शुरू करते हुए ईडी ने कुछ आला अफसरों की गिरफ्तारी के अलावा इनमें से कुछ अधिकारियों से पहले भी लंबी पूछताछ की थी।
इधर ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, यदि ये अधिकारी आरोपपत्र और हमारी जांच की पृष्ठभूमि के बावजूद टालमटोल करते रहेंगे, तो हमें उन्हें वापस लाने के लिए बाध्य होना पड़ेगा। रायपुर की एक विशेष अदालत में 7 जुलाई को दायर ईओडब्ल्यू के चौथे पूरक आरोपपत्र में सभी 29 अधिकारियों के नाम शामिल हैं। जांचकर्ताओं ने पाया है कि 2019 और 2023 के बीच, ये अधिकारी पंद्रह जिलों में तैनात थे।
बस्तर और सरगुजा को छोडक़र, जहाँ देशी शराब की खपत ज़्यादा थी—जहाँ कथित तौर पर सरकारी स्टॉक के समानांतर बेहिसाब शुल्क-भुगतान वाली शराब बेची जाती थी। राज्य स्तर पर समन्वय से इस अवैध चैनल का सुचारू रूप से क्रियान्वयन सुनिश्चित हुआ, जिससे भारी राजस्व प्राप्त हुआ।
शुरुआत में 2,161 करोड़ रुपये का अनुमान लगाए गए इस घोटाले का अब गहन विश्लेषण के बाद 3,200 करोड़ रुपये का पुनर्मूल्यांकन किया गया है। स्श्वह्रढ्ढ्रष्टक्च की गणना के अनुसार, भाग-्र में 319.32 करोड़ रुपये, भाग-क्च में 2,174.67 करोड़ रुपये और भाग-ष्ट में 70 करोड़ रुपये की राशि है, जो कुल मिलाकर 2,563 करोड़ रुपये होती है, जबकि श्वष्ठ की मनी लॉन्ड्रिंग जाँच इन आँकड़ों को व्यापक अनुमान के दायरे में रखती है।
अब तक की कुल कार्रवाई में पाँच आरोपपत्र और तेरह गिरफ्तारियाँ शामिल हैं।
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