उत्तरकाशी में एवलांच में फंसे 28 पर्वतारोही, सीएम ने वायुसेना से मांगी मदद
उत्तरकाशी में द्रौपदी का डांडा-2 पर्वत चोटी के आरोहण के लिए निकले 28 प्रशिक्षार्थी पर्वतारोहियों के एवलांच में फंसने की खबर है। इस मामले में अब मुख्यमंत्री खुद सक्रिय हो गए हैं और वायुसेना की मदद लेने की तैयारी चल रही है।
दरअसल नेहरू पर्वतारोहण संस्थान, उत्तरकाशी के 28 प्रशिक्षार्थी द्रौपदी का डांडा-2 पर्वत चोटी के आरोहण के लिए निकले थे। इसी दौरान एवलांच की चपेट में आ गए। इसके बाद प्रशासन से संपर्क किया गया है। वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को भी इस संबंध में सूचना मिली है। सीएम धामी ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि इस मामले में वायुसेना की मदद ली जा रही है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से संपर्क किया जा रहा है और वायुसेना को रेस्क्यू के लिए बुलाया जा रहा है। केंद्र ने सीएम धामी को आश्वस्त किया है कि हर संभव मदद की जाएगी।
प्रशिक्षार्थियों को जल्द से जल्द सकुशल बाहर निकालने के लिए NIM की टीम के साथ जिला प्रशासन, NDRF, SDRF, सेना और ITBP के जवानों द्वारा तेजी से राहत एवं बचाव कार्य चलाया जा रहा है।
आपको बता दें कि द्रौपदी का डांडा – 2 या डीकेडी को निम ने अपना प्रशिक्षण स्थल बनाया है। मान्यता है कि यहीं से पांडव स्वर्ग के लिए निकले थे। यहीं डोकरणी बामक नाम का ग्लेशियर भी है। इसे प्रकृति का स्वर्ग भी कहते हैं। ये समुद्रतल से 18,600 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। द्रौपदी का डांडा जिला मुख्यालय से 65 से 70 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इसी कारण निम ने बेसिक व एडवांस कोर्स के लिए इस क्षेत्र का चयन किया।
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