123 घंटे, घर में कैद और 1 करोड़ 13 लाख की ठगी, दांतों तले उंगली दबा लेंगे आप

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देहरादून के कारोबारी से करोड़ों के साइबर फ्रॉड का मामला सामने आया है। साइबर ठगों ने कारोबारी को न केवल 123 घंटे डिजिटली हाउस में कैद रखा। बल्कि उन्हें ब्लैकमेल कर करोड़ों की ठगी की कर ली।


जानकारी के मुताबिक साइबर ठगों ने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच व सीबीआइ का अधिकारी बताकर कारोबारी के बैंक खातों में 38 करोड़ रुपए के अवैध ट्रांसेक्शन में गिरफ्तार कर जेल भेजने की धमकी दी। कारोबारी की शिकायत के बाद मामले की जांच कर रही एसटीएफ की टीम ने तीन साइबर ठगों को राजस्थान के कोटा से अरेस्ट कर लिया है।

मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताकर किया कॉल
मामले को लेकर एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि बीते 16 अप्रैल को मामले को लेकर सहस्त्रधारा रोड स्थित पैसिफिक गोल्फ अपार्टमेंट निवासी कारोबारी राजीव कुमार ने शिकायत की थी। शिकायत में कारोबारी ने बताया की नौ अप्रैल को सुनील वर्मा नाम के एक व्यक्ति ने उन्हें फोन कर खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताया।

स्काइप से जोड़कर की वीडियो कॉल
सुनील ने फिर कॉल अपने अधिकारी को ट्रांसफर करने की बात कहकर दूसरे व्यक्ति से बात कराई। दूसरे व्यक्ति ने कारोबारी से कहा कि मुंबई के कस्टम विभाग ने उनका एक पार्सल पकड़ा है। जिसमें पासपोर्ट, क्रेडिट कार्ड के साथ-साथ नशे की सामग्री पाई गयी है। इसके बाद व्यक्ति ने कारोबारी को स्काइप से जोड़कर वीडियो कॉल की।

सीबीआई के नाम से भेजा ऑनलाइन नोटिस
कारोबारी ने बताया वीडियो कॉल में एक व्यक्ति पुलिस अधिकारी की वर्दी पहना बैठा हुआ था। वर्दी पहने बैठे व्यक्ति ने उसने पार्सल के बारे में पूछताछ शुरू की। कुछ देर बाद व्यक्ति ने मनी लांड्रिंग, नशा तस्करी और पहचान छिपाने का संदिग्ध बताकर सीबीआई के नाम से कारोबारी को ऑनलाइन नोटिस भेज दिया।

123 घंटे रखा डिजिटल हाउस अरेस्ट
वर्दी पहने बैठे व्यक्ति ने कारोबारी के बैंक अकाउंट में 38 करोड़ का अवैध ट्रांजेक्शन होने की बात कहकर उन्हें अरेस्ट करने की धमकी दी। कारोबारी ने तहरीर में बताया कि नौ अप्रैल की सुबह 10 बजे से 15 अप्रैल की दोपहर एक बजे तकतक उसे ठगों ने डिजीटल हाउस अरेस्ट कर रखा।

तीनो आरोपियों को किया कोटा से अरेस्ट
कारोबारी ने बताया की आरोपियों ने इस दौरान मामला रफादफा करने के नाम पर उससे एक करोड़ 13 लाख रुपये अलग-अलग बैंक खातों में लिए गए। कारोबारी की शिकायत पर मामले की जांच शुरू की। जिसमें राजस्थान से तार जुड़ने की बात सामने आई। एक टीम को आरोपियों की गिरफ़्तारी के लिए कोटा भेजा गया। जहां से तीनो आरोपियों को अरेस्ट कर लिया गया है।