इस बैंक में सामने आया 122 करोड़ का घोटाला, अकाउंट हेड ने गायब कर दी नकदी, लोगों को पैसे डूबने का डर, लगी लंबी लाइन

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मुंबई स्थित न्यू इंडिया कॉपरेटिव बैंक में बड़ा घोटाला सामने आया है। दरअसल कुछ दिन पहले रिजर्व बैंक की एक टीम बैंक में सरप्राइज इंस्पेक्शन पर पहुंची थी। इस जांच के दौरान बैंक की तिजोरी में जो नकदी थी और बुक ऑफ अकाउंट्स में बैंक नकदी जमा होने की जो जानकारी लिखी गई थी, वो मैच नहीं कर रहा था।

बैंक से गायब हुआ 122 करोड़

जानकारी के मुताबिक, बैंक (new india cooperative bank) लॉकर से कुल 122 करोड़ रुपये गायब थे। इस बैंक के हेड ऑफ अकाउंट्स हितेश मेहता थे। इस मामले के सामने आने के बाद आरबीआई ने पूछताछ शुरू की तो हितेश मेहता ने पैसे गबन करने की बात कबूल कर ली। इसके बाद तत्काल इस गबन की जानकारी ईओडब्ल्यू को दी गई और दादर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया। फिलहाल आरबीआई ने बैंक के वित्तीय लेन-देन पर रोक लगा दी है।

कोरोना काल से चल रहा था घोटाला

प्राथमिक जानकारी के अनुसार, आरोपी ने कोविड काल के दौरान से ही धीरे-धीरे बैंक की तिजोरी से पैसे निकालना शुरू कर दिया था। पिछले 5 साल से वह तिजोरी से पैसे निकाल रहा था। इस गबन में हितेश का किस किसने साथ दिया, क्या कोई अन्य कर्मचारी भी हितेश के साथ मिला हुआ है, हितेश ने 122 करोड़ रुपये का क्या किया, हितेश ने गबन किए पैसे किस-किस को दिए, ऐसे कई सवाल हैं जिनकी जांच पुलिस कर रही है। न्यू इंडिया कॉपरेटिव बैंक के जीएम हितेश मेहता पर मामला दर्ज कर लिया गया है। उनपर 122 करोड़ रुपये गबन करने का आरोप है। बता दें कि ईओडब्ल्यू भी इस मामले की जांच कर रही है। फिलहाल हितेश का बयान दर्ज किया जा रहा है। 

हेड ऑफ एकाउंट्स से जीएम बना हितेश, पुलिस पहुंची घर

इसी मामले में ईओडब्ल्यू ने हितेश मेहता के दहिसर वाले घर एनएल कॉम्प्लेक्स के आर्यव्रत सोसायटी में छापेमारी की। बता दें कि आर्यव्रत सोसाइटी के 14वें फ्लोर पर ईओडब्ल्यू की रेड जारी है। इस दौरान मुंबई की दहिसर पुलिस भी वहां मौजूद है। बता दें कि हितेश मेहता फिलहाल न्यू इंडिया बैंक के जनरल मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं। हितेश मेहता पर 122 करोड़ रुपये गबने करने का आरोप है, जिसके बाद ईओडब्ल्यू की रेड हुई है। बता दें कि रेड के बाद आरोपी हितेश मेहता को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है और हितेश से पूछताछ के लिए ईओडब्ल्यू मुख्यालय लाया गया है।

जमा और निकासी पर लगी रोक

नियमों का पालन न करने के चलते डिपॉजिट और विड्रॉल पर रोक RBI ने गुरुवार (13 जनवरी) को नियमों का पालन न करने के चलते बैंक में डिपॉजिट और विड्रॉल पर रोक लगा दी थी। अब बैंक नया लोन भी जारी नहीं कर सकेगा। अकाउंट होल्डर्स इस बात को लेकर असमंजस में हैं कि उनका पैसा कब मिलेगा।

रिजर्व बैंक ने कहा कि बैंक की मौजूदा नकदी स्थिति को देखते हुए निर्देश दिया गया है कि वह जमाकर्ता के बचत बैंक या चालू खातों या किसी अन्य खाते से किसी भी राशि की निकासी की अनुमति न दे। हालांकि, वेतन, किराया और बिजली के बिल जैसी कुछ आवश्यक चीजों पर खर्च करने की इजाजत है।

RBI ने छह महीने के लिए लगाया बैन

आरबीआई बैंक की स्थिति की निगरानी करना जारी रखेगा और जमाकर्ताओं के हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इन निर्देशों को मॉडिफाई करेगा। ये प्रतिबंध 13 फरवरी, 2025 से छह महीने के लिए प्रभावी रहेंगे। RBI ने बताया कि एलिजिबल डिपॉजिटर्स डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन से 5 लाख रुपए तक डिपॉजिट इंश्योरेंस क्लेम अमाउंट पाने के हकदार होंगे। मार्च 2024 के अंत में सहकारी बैंक के पास 2436 करोड़ रुपए जमा थे।