क्या उत्तराखंड में 9 नवंबर तक लागू होगा यूसीसी ?, पढ़ें ये खास रिपोर्ट

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उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता कब लागू होगा इस पर अभीतक संशय बना हुआ है. सरकार ने पहले दावा किया था कि उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस 9 नवंबर के दिन ही समान नागरिक संहिता उत्तराखंड लागू कर दिया जाएगा। लेकिन फिलहाल ऐसा होना मुश्किल नजर आ रहा है।


क्या उत्तराखंड में 9 नवंबर तक लागू होगा यूसीसी ?
प्रदेश में यूसीसी लागू करने लिए लंबे समय से काम चल रहा है । कुछ समय पहले सरकार ने दावा किया था कि उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस 9 नवंबर के दिन ही समान नागरिक संहिता उत्तराखंड लागू कर दिया जाएगा। लेकिन हाल ही में जब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से यूसीसी लागू करने को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि सरकार ने पहले उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस नौ नवंबर को यूसीसी लागू करने की तिथि तय की थी। लेकिन इस पर काम करने वाले जो लोग हैं जिनमें शत्रुघ्न सिंह जो कमेटी के अध्यक्ष है उसके अलावा कई अधिकारी भी इस कमेटी के सदस्य है। सभी लोग प्रयास कर रहे हैं। उम्मीद है कि जल्दी से जल्दी यूसीसी को लागू कर दिया जाए।

यूसीसी के मामले में सरकार कर रही गुमराह
मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद कांग्रेस सरकार पर फिर हमलावर हो गई है। कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष मथुरा दत्त जोशी का कहना है कि यूसीसी के मामले में सरकार ओर मुख्यमंत्री गुमराह कर रहे हैं। यूसीसी भारतीय जनता पार्टी का राजनीतिक मुद्दा है और केवल इस मुद्दे को जिंदा रखने के लिए ,सामाजिक ध्रुवीकरण करने के लिए, लोगों को बांटने के लिए बार-बार यूसीसी का नाम ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की कोई मंशा नहीं है कि वो यूसीसी लागू करें। हमारा आरोप है कि सरकार देवभूमि उत्तराखंड का माहौल खराब करने ओर यहां की भोली-भाली जनता को गुमराह करने का काम कर रही है

कांग्रेस के सवाल पर भाजपा ने कसा तंज
दूसरी ओर भाजपा कांग्रेस के सवाल उठाने पर तंज कस रही है। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता विनोद सुयाल का कहना है कि कांग्रेस साठ साल तक सिर्फ धर्मशाला चलाती रही उन्होंने राजनीति नहीं की। सुयाल ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस ने देश के अंदर सिर्फ तुष्टिकरण की राजनीति की, वोट बैंक की राजनीति की, अपने स्वार्थ के लिए जिस तरीके से देश का इस्तेमाल किया वो सब जानते हैं इसीलिए कांग्रेस हमको न सिखाए। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि हम राजनीतिक कारणों से ये कर रहे हैं बल्कि हम देश की आवश्यकता के अनुसार इस कानून को बना रहे हैं ।