जालंधर के बलविंदर चढ़ाएंगे इस बार झंडेजी पर दर्शनी गिलाफ

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12 मार्च से ऐतिहासिक श्री झंडेजी मेला शुरू होने जा रहा है। इस बार झंडेजी पर दर्शनी गिलाफ चढ़ाने का पवित्र सौभाग्य जालंधर के संसार सिंह को मिला है। लेकिन उनके विदेश में होने के कारण उनके पुत्र इस प्रक्रिया को पूरा करेंगे। दर्शनी गिलाफ चढ़ाने के लिए बलविंदर सिंह के पिता संसार सिंह व माता सुरजीत कौर ने कई वर्ष पहले बुकिंग कराई थी।

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जालंधर के बलविंदर चढ़ाएंगे इस बार झंडेजी पर दर्शनी गिलाफ
ऐतिहासिक श्री झंडेजी मेला जल्द ही शुरू होने वाला है। 12 मार्च से शुरू होने वाले इस मेले में हर साल किसी एक को झंडेजी पर दर्शनी गिलाफ चढ़ाने का पवित्र सौभाग्य प्राप्त होता है। लोग इसके लिए बुकिंग करवाते हैं। बुकिंग के बाद भी सालों बाद लोगों को ये सौभाग्य मिल पाता है।


इस बार झंडेजी पर दर्शनी गिलाफ चढ़ाने का पवित्र सौभाग्य जालंधर के संसार सिंह को मिला है। लेकिन उनके विदेश में होने के कारण उनके पुत्र बलविंदर जीत सिंह इस प्रक्रिया को पूरा करेंगे।


झंडेजी मेले की तैयारियों को लेकर शनिवार को मेला समिति, जिले के प्रशासनिक अधिकारियों की हुई बैठक
श्री झंडेजी मेले की तैयारियों और आवश्यक प्लान को लेकर शनिवार को मेला समिति और जिले के प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक हुई। इस बैठक में श्री झंडे जी के आरोहण और मेले की तैयारियों को लेकर श्री दरबार साहिब के सज्जादानशीन श्रीमहंत देवेंद्र दास महाराज ने आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए।


ऐतिहासिक है देहरादून का झण्डे जी का मेला
झंडा मेला हर साल होली के पांच दिन बाद आयोजित होता है। जो कि सिक्ख गुरू रामराय जी के जन्म दिवस से शुरू होकर 15 दिनों तक चलता है। इसी दिन गुरूराम राय जी देहरादून आए थे। जो कि 1676 में देहरादून आए थे।​ झंडा मेला प्रेम, सद्भावना और आस्था का प्रतीक माना जाता है।


झंडा मेला होली के पांचवें दिन देहरादून स्थित श्री दरबार साहिब में झंडेजी के आरोहण के साथ शुरू होता है। लोक कल्याण के लिए गुरु राम राय ने ही विशाल ध्वज को यहां स्थापित किया था। झंडा मेले के दौरान देश-विदेश से संगतें यहां मत्था टेकने पहुंचती हैं। इस मेले में पंजाब, हरियाणा और आसपास के कई इलाकों से संगतें आती हैं।