आखिर तीसरी मंजिल से क्यो कूड़े महाराष्ट्र के डिप्टी स्पीकर
महाराष्ट्र के डिप्टी स्पीकर नरहरी झिरवाल मंत्रालय की तीसरी मंजिल से कूद गए। हालांकि मंत्रालय में लगे जाल की वजह से उनकी जान बच गई। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, झिरवाल धनगर समाज को एसटी कोटे में शामिल किए जाने का विरोध कर रहे हैं।
क्या है पूरा मामला
नरहरी झिरवाल एनसीपी के विधायक हैं। घटना शुक्रवार को घटी, जब धनगर समाज को एसटी कोटे में आरक्षण देने के खिलाफ झिरवाल ने मंत्रालय की तीसरी मंजिल से छलांग लगा दी। हालांकि मंत्रालय में जाल लगा होने की वजह से वे जाल पर गिरे, जिससे उनकी जान बच गई। गौरतलब है कि महाराष्ट्र में धनगर समाज को अनुसूचित जनजाति वर्ग में शामिल करने की मांग की जा रही है। हालांकि आदिवासी वर्ग के नेताओं द्वारा धनगर समाज की इस मांग का विरोध किया जा रहा है। बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट ने भी धनगर समाज को अनुसूचित जनजाति वर्ग में शामिल करने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी थी।
दरअसल मंत्रालय में शुक्रवार को आदिवासी विधायक धनगर समुदाय को अनुसूचित जनजाति कोटे में आरक्षण देने के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे। इसी दौरान झिरवाल विरोध प्रदर्शन के दौरान ही तीसरी मंजिल से कूद गए। इसके बाद कुछ और विधायक भी नारेबाजी करते हुए सुरक्षा जाली पर उतर गए। हंगामा बढ़ता देख पुलिस मौके पर पहुंची और विरोध कर रहे विधायकों को सुरक्षा जाल से हटाया।
केंद्र सरकार से भी धनगर समाज को अनुसूचित जनजाति आरक्षण वर्ग में शामिल करने की मांग की थी। बारणे ने बताया कि अनुसूचित जनजाति की सूची में 36 नंबर पर ओरेन, धनगड़ का उल्लेख है। शिवसेना नेता ने दावा किया कि धनगड़ और धनगर एक ही शब्द है। धनगड़ नाम की कोई जनजाति अस्तित्व में नहीं है। महाराष्ट्र में इनकी संख्या 11 प्रतिशत यानी करीब 1.30 लाख है। इस समाज को अनुसूचित जनजाति आरक्षण में शामिल करने की मांग की गई थी।
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