जानिए नौकरी का झांसा देकर कहां ले गए नैनीताल के नितिन को किया धर्म परिवर्तन,मना करने पर दिए बिजली के झटके, खबर आई बाहर तो खुफिया एजेंसी और पुलिस की उड़ी नींद
धर्म परिवर्तन को लेकर के मामले सामने आते रहते हैं लेकिन धर्म परिवर्तन को लेकर एक मामला नैनीताल के रहने वाले एक युवक का सामने आया है जो राजस्थान में काम करने के लिए गया लेकिन जबरन उसका धर्म परिवर्तन करा दिया गया इस खबर के सामने आने के बाद से शहर के पुलिस और खुफिया एजेंसियों के कान खड़े हो गए हैं बता दें कि इस मामले को सामने आने के साथ गत दिवस पूरे शहर में खलबली मच गई पुलिस और एल आई यू दोनों ही युवक के बारे में और उसके पत्ते के बारे में पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं जानकारी के अनुसार दो दिन पहले सहारनपुर में कुछ हिंदूवादी संगठन एक शख्स को पुलिस के पास लेकर पहुंचे थे।
उस शख्स ने पुलिस को जो कहानी सुनाई, उसने यूपी से लेकर राजस्थान और उत्तराखंड तक हड़कंप मचा दिया। युवक ने बताया कि उसका नाम नितिन पंत है और वह नैनीताल का मूल निवासी है। बात करीब 10 वर्ष पहले की है। वह नौकरी की तलाश में राजस्थान जा रहा था। उसे नौकरी तो नहीं मिली। कुछ मुस्लिम युवक मिले और नौकरी दिलाने का लालच देकर उसे राजस्थान के मेवात ले गए, जहां उसे बंधक बना लिया गया। फिर जबरन धर्म परिवर्तन कर इस्लमा कबूल करने का दबाव बनाने लगे। उन नौकरी, रुपये और खूबसूरत लड़की से शादी का लालच देने लगे। इतने पर भी जब वह नहीं माना तो बंदूक दिखाकर डराने लगे। यही नहीं, बिजली के करंट का झटका भी दिया।एक दिन दबाव बनाकर उसे मुसलमान बना दिया गया और उसे अली हसन नाम दे दिया।
मेवात में कुछ दिन रखने के बाद उसे मुजफ्फरनगर के मदरसे में भेज दिया गया। वहां उसे हिंदू लड़कियों को फंसाकर उन्हें भी इस्लाम कबूल कराने को कहा गया। इसके लिए वह राजी नहीं हुआ। फिर यहां से उसे सहारनपुर के मदरसे में भेज दिया गया। जहां से किसी तरह भागकर वह दो दिन पहले हिंदूवादी संगठन बजरंग दल के कार्यकर्ताओं से मिला। जो उसे पुलिस के पास ले गए और मुकदमा दर्ज कराया।नितिन ने पुलिस को जो भी घटना बताई, उसका वीडियो वायरल होकर नैनीताल तक पहुंच गया, जिसने पुलिस के कान खड़े कर दिए।
इसके बाद सुबह से शाम तक पुलिसकर्मी तल्लीताल क्षेत्र के कई लोगों से नितिन और उसके परिवार के बारे में जानकारी लेते रहे। आखिरकार देर रात युवक का शहर से लिंक निकल गया। एसओ विजय मेहता ने बताया कि नितिन के पिता देेवेंद्र पंत कोलकाता में नौकरी करते थे। जिस कारण शुरुआत से ही पूरा परिवार नैनीताल से बाहर रहता था। नितिन के बड़ा भाई भानु पंत पानीपत, जबकि शैलेंद्र पंत अहमदाबाद में रह रहे है। यहां नितिन के रिश्तेदार रहते हैं।
इसके बाद तल्लीताल पुलिस ने नितिन पंत के बड़े भाई शैलेंद्र पंत से फोन पर पूछताछ की तो शैलेंद्र ने बताया कि उनके पिता हिंदुस्तान मोटर्स में काम करते थे। जिस कारण सभी भाइयों की शिक्षा बाहरी शहरों में हुई। उनके दो भाई भानु पंत और नितिन पंत ने सोनीपत और हरिद्वार में पढ़ाई की। 1990 में पिता की मृत्यु के बाद वह और भानु नौकरी की तलाश में बाहर निकल गए। नितिन अधिक पढ़ाई नहीं कर पाया और करीब 15 वर्ष पूर्व शहर से बाहर निकलकर छोटे-मोटे काम करने लगा। इस बीच उससे कम ही संपर्क रहा। बताया कि वर्तमान में उनकी मां सुयालबाड़ी में उनकी बहन के साथ रहती है।शैलेंद्र ने बताया कि कभी-कभी नितिन अलग-अलग नंबरों से उसे फोन कर आर्थिक मदद मांगा करता था। नितिन ने कुछ समय पूर्व ही झांसे में लेकर उसका धर्म बदलने की जानकारी दी थी, मगर उन्होंने अधिक विश्वास नहीं किया। पांच दिन पूर्व सहारनपुर के किसी हिंदू संगठन पदाधिकारी ने उन्हेंं यह सूचना दी तो विश्वास हुआ। शैलेन्द्र छोटे भाई के जबरन धर्म परिवर्तन की खबर से आहत है। उन्होंने पुलिस से किसी भी तरह भाई का मुस्लिम से हिंदू धर्म में परिवर्तन करने की गुहार लगाई है
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