Wolf Attack: क्या है इन भेड़ियों के हमले के पीछे की वजह? क्या आदमखोर ले रहें हैं बदला? अब तक क्यों नहीं आए पकड़ में, जानें

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wolf attack in behraich

उत्तर प्रदेश के बहराइच (Bahraich) जिले में आदमखोर भेड़ियों का आतंक खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा। वन विभाग की टीम भेड़ियों को पकड़ने में लगी हुई है लेकिन अब तक पूरी तरह सफलता हाथ नहीं लग पाई है। करीब 35 से ज्यादा गांवों में भेडियों के आंतक की वजह से महिलाएं रातभर जग कर अपने बच्चों की सुरक्षा कर रही हैं।

तो वहीं पुरुष भी रातभर पहरेदारी में लगे हुए है। हालातों को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी अब भेड़ियों को गोली मारने के आदेश दे दिए है। अब तक करीब 10 लोगों को भडियों ने अपना शिकार बनाया है। भेड़िए लगातार हमला कर रहे हैं। जिसके बाद सवाल उठ रहे हैं कि आखिर ये हमले क्यों हो रहे हैं?चलिए जानते है।

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भेड़ियों के आतंक से परेशान (Wolf Attack in Bahraich)

यूपी के बहराइच जिले के लगभग 35 गांव में इन दिनों भेड़ियों का आंतक है। हालात ये है कि अब तक भेड़िए 10 लोगों को अपना शिकार बना चुका है। जिनमें से नौं बच्चे है। भेड़ियों के डर से लोग सूरज ढलने के बाद अपने घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं।

क्या है इन हमलों के पीछे की वजह ?

बहराइच के इन गावों में करीब 60 से 80 हजार लोगों की अबादी रहती है। और ये आबादी अब भेड़ियों के आंतक से परेशान है। लोगों की हर रात मानों कयामत की रात की तरह गुजर रही है। अमुमन माना जाता है कि भेड़िए इंसानों पर हमला नहीं करते। उनसे दूरी बनाए रखते हैं। ऐसे में सवाल ये है कि इन हमलों के पीछे की वजह क्या है?

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खाने पानी की कमी के चलते बढ़ रहे है हमले?

फिलहाल भेड़ियों के बढ़ते हमलों के कई कारण बताए जा रहे हैं। पर्यावरण और जंगली जानवरों के अध्ययन से जुड़े लोग इसकी एक वजह भेड़ियों के रहने और खाने में कमी बता रहे हैं। चूंकि जंगल कम हो गए हैं और उनको खाने के लिए शिकार भी नहीं मिल पा रहा है। जिसके चलते उनके बिहेवियर में बदलाव आ रहा है। पहले वो इसांनों से दूर रहते थे। लेकिन अब इंसान उनके रहने की जगह के करीब पहुंच रहे है। इसलिए वो इंसानों को अपना शिकार बना रहे हैं।

घाघरा नदीं की बाढ़ भी हो सकता है कारण

तो वहीं वन विभाग से जुड़े अफसरों और विशेषज्ञों का कहना है कि भेड़ियों के हमलों के पीछे घाघरा नदी की बाढ़ है। उनका कहना है कि इस इलाके में घाघरा नदी बहती है। बाढ़ आने की वजह से वो अपने नेचुरल हेबिटेट को छोड़कर इंसानों की बस्तियों के करीब आ रहे हैं। बता दें कि भेड़िए आमतौर पर नदी के पास रहते हैं ताकि उन्हें खाना और पानी मिल सके। अपना घर छोड़कर आए भेड़ियों को खाना और पानी दोनों नहीं मिल पा रहा है। कहा जा रहा है कि इसी के चलते वो इंसानों पर हमला कर रहे हैं।

भेड़ियो की बदला लेने वाली फितरत

इसके अलावा भेड़ियों के हमले के पीछे उनकी बदले की भावना भी एक वजह बताया जा रहा है। भेड़िए बदला लेने वाले जानवर होते हैं। विशेषज्ञों की मानें तो बीते जनवरी और फरवरी के महीने में इंसानों द्वारा भेड़िए के बच्चों को नुकसान पहुंचाया गया है जिसकी वजह से भी ये हमले बदले की भावना के तौर पर किए जा रहे होंगे।

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कहा हो रहे है सबसे ज्यादा हमलें?

अब आपको बताते है कि कहां सबसे ज्यादा भेड़ियों के हमले हो रहे हैं। ज्यादातर हमले बिना दरवाजे वाले घरों या झोपड़ियों में हो रहे हैं। जहां पर लोग घरों के बाहर या छत पर सो रहे हैं। भेड़ियों के लिए यहां शिकार करना आसान है। जिसके चलते बहराइच जिले में ज्यादातर हमले हो रहे है।

इसके पीछे की वजह ये है कि इस इलाके के गांवों में लोग बहुत गरीबी में रहते हैं। यहां की आबादी का एक बड़ा हिस्सा मिट्टी के कच्चे घरों और झोपड़ियों में रहता है। यहां गांव वालों के लिए दरवाजा एक लक्जरी है। इधर कई घरों में दरवाजे भी नहीं होते। ज्यादा से ज्यादा यहां बांस की एक छपरी बना कर दरवाजे की तरह इस्तेमाल किया जाता है।

क्यों नहीं पकड़ में आ रहे भेड़िये?

यूपी सरकार ने भेड़ियों के बढ़ते आतंक को देखते हुए उन्हें पकड़ने के लिए वन विभाग की टीमें लगाई हुई है। लेकिन अभी तक वो इन हमलों को रोक नही पाईं हैं। हाल ही में योगी आदित्यनाथ ने भेड़ियों को जरूरत पड़ने पर गोली मारने के आदेश दिए थे।

अब तक इन आदमखोर भेड़िये के पकड़ में ना आने के पीछे एक वजह ये भी सामने आ रही है कि भेड़िये शिकार करने के बाद छुप रहे है। ये सिर्फ रात को ही निकल रहे है। जिसके चलते उन्हें ढूंढने में मुश्किल हो रही है। दिन के समय ड्रोन से उनकी तलाश की जा रही है लेकिन भेडिए पेड़ों के नीचे गड्ढा बनाकर या फिर फसलों के बीच छिप जा रहे है। जिसके चलते रात को जब वो शिकार पर निकल रहे है तो उन्हें ट्रैक करना मुश्किल हो रहा है।

चार भेड़ियों को पकड़ा जा चुका है

सरकार की मानें तो ड्रोन कैमरों से छह भेड़ियों को देखा गया। जिसमें से चार को पकड़ लिया गया है। हालांकि भेड़ियों की संख्या कितनी है इसे लेकर असमंजस बना हुआ है। कुछ लोगों भेडिओं की संख्या अधिक होने की आशंका भी बता रहें हैं।

भगवान की शरण में गावं वाले

लोग अब डर के मारे भगवान की शरण ले रहे है। हाल ही में बहराइच के गांवों के लोगों ने संकटमोचक हनुमान की अराधना की। आलम ये है कि अब गावं वाले भगवान पर ही भेड़िए के आतंक से छुटकारा पाने के लिए भरोसा कर रहे हैं। सिस्टम से उनका भरोसा खत्म होता जा रहा है।

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इसी बीच अब कुछ गांव वालें आदमखोर भेड़ियों को पकड़ने के लिए अब एक नई तरकीब लेकर आए हैं। गांव वाले बच्चों की टॉयलेट में भिगोई हुई गुड़ियों को नदी के किनारे रख रहे हैं। जिससे भेड़िए बच्चों की स्मेल को सूंघ कर खिंचे चले आए और उन्हे पकड़ा जा सके। ऐसे में अब देखना ये है कि ये तरकीब कितनी कारगर साबित होती है और कब आदमखोर भेड़ियों के आंतक से गांव वालों को राहत मिलती है।