क्या होता है वक्फ? जिस पर आ सकता है नया कानून, हो रहा विरोध, जानें यहां
केंद्र सरकार ने वक्फ बोर्ड की संपत्ति को लेकर नया कानून लाने का मन बनाया है। कैबिनेट की मीटिंग में वक्फ से जुड़ें कानून में चालीस तरह के बदलाव करने पर फैसला हुआ है। बताया जा रहा है कि सोमवार को मोदी सरकार संसद में संसोधन बिल ला सकती है। इस मुद्दे पर सियासत भी गर्मा गई है। कई मुस्लिम संगठन बिल के विरोध में उतर आए हैं। आइये जानते हैं क्या होता है वक्फ बोर्ड।
क्या होता है वक्फ का मतलब?
वक्फ का मतलब होता है, अल्लाह के नाम यानी ऐसी जमीनें जो किसी व्यक्ति या संस्था के नाम नहीं है, लेकिन मुस्लिम समाज से संबंधित है वो वक्फ की जमीनें होती हैं। इसमें मस्जिद कब्रिस्तान, ईदगाह, मजार और नुमाइश की जगहें आदि शामिल हैं। एक वक्त के बाद ऐसा देखा गया है कि ऐसी जमीनों का गलत तरीके से इस्तेमाल किया जा रहा है और यहां तक की बेचा भी जा रहा है। वक्फ बोर्ड मुस्लिम समाज की जमीनों पर नियंत्रण रखने के लिए बनाया गया था। वक्फ की जमीनों के बेजा इस्तेमाल को रोकने और जमीनों को गैर कानूनी तरीकों से बेचने के लिए वक्फ बोर्ड बनाया गया था।
कितने प्रकार का होता है वक्फ?
बता दें कि वक्फ दो प्रकार का होता है।
शिया वक्फ बोर्ड
सुन्नी वक्फ बोर्ड
कितने प्रकार की होती है वक्फ की जमीनें
वक्फ अलल औलाद- ये वो जमीनें होती हैं जो किसी व्यक्ति ने मुस्लिम समाज के कल्याण के लिए दान दे दी हैं। दाने देने के बाद ये जमीन मुस्लिम समाज के इस्तेमाल में होती हैं लेकिन इसका मैनेजमेंट दानदाता के परिवार के पास होता है। परिवार के सद्सय ऐसी जमीन को बेच नहीं सकते। लेकिन उसके इस्तेमाल पर फैसला ले सकते हैं।
वक्फ अलल खैर- इन जमीनों का कोई मालिक नहीं होता। वक्फ बोर्ड के अधीन आने वाली इन जमीनों पर बोर्ड किसी व्यक्ति को इसका मैनेजर बना देता है। वक्फ बोर्ड की भाषा में इस मैनेजर को मुतवल्ली कहते हैं। मुतवल्ली इस जमीन का समाजहित में काम लाने के लिए काम करता है। वो अपने विवेक से किसी को जमीन दे नहीं सकता।
यूपी में वक्फ की कितनी जमीनें हैं?
बता दें कि यूपी में वक्फ बोर्ड के पास 1,23,000 जमीनें हैं। शिया वक्फ बोर्ड के पास कुल 3102 जमीनें हैं
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