क्या है उत्तरकाशी मस्जिद विवाद ?, पहाड़ की शांत वादियों में कैसे आया उबाल
गुरूवार को उत्तरकाशी में हुए बवाल के बाद पूरे जिले में धारा 163 लागू कर दी गई है। लेकिन सवाल ये ही उठ रहा है कि क्या है उत्तरकाशी मस्जिद विवाद ? जिसे लेकर इतना बड़ा बवाल हो गया कि पुलिस को लाठीचार्ज कर धारा 163 लागू करनी पड़ी। इसके साथ ही सवाल उठ रहा है कि कैसे पहाड़ की शांत वादियों में उबाल आ गया ?
क्या है उत्तरकाशी मस्जिद विवाद ?
उत्तरकाशी के मौजा बाड़ाहाट, तहसील भटवाड़ी में एक मस्जिद है जिसे हिंदू संगठन के लोग हटाने की मांग कर रहे हैं। इसको लोकर गुरूवार को उत्तरकाशी में बाजार बंद रखे गए और एक जन आक्रोश रैली निकाली गई। इस रैली के दौरान पथराव हुआ जिसमें कई पुलिस वाले और लोग घायल हो घए। जिसके बाद इलाके में धारा 163 लागू कर दी गई है। इसके साथ ही भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
यहां से शुरू हुआ उत्तरकाशी मस्जिद विवाद
मिली जानकारी के मुताबिक इसी साल मौजा बाड़ाहाट, तहसील भटवाड़ी में स्थित मस्जिद को लेकर एक आरटीआई फाइल की गई। जिसके जवाब में प्रशासन ने बताया कि इस मस्जिद से जुड़े कागजात नहीं है। इसके बाद से ही हिंदू संगठन के लोगों ने इस मस्जिद को हटाने की मांग शुरू की। इस मस्जिद को गिराने के लिए उत्तरकाशी के डीएम को एक ज्ञापन भी सौंपा गया।
जिसके बाद हिंदूवादी संगठन के सदस्य 6 सितंबर को मस्जिद गिराने की मांग को लेकर डीएम कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए। हिंदूवादी संगठन के सदस्यों ने प्रशासन को तीन दिना का अल्टीमेटम दिया था कि अगर उनकी मांग नहीं मानी जाती है तो वो खुद मस्जिद को धवस्त कर देंगे।
जिसके बाद जिलाधिकारी ने इस पूरे मामले की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया। कमेटी ने जांच के बाद जो रिपोर्ट प्रस्तुत की, उसमें बताया गया था कि ये मस्जिद वैद्य है। जिस जमीन पर मस्जिद बनी है वो सरकारी नहीं है।प्रशासन ने इन संगठनों को ये जानकारी भी दी लेकिन संगठन इसे मानने को तैयार नहीं हैं।
पहाड़ की शांत वादियों में कैसे आया उबाल
प्रशासन के इस मस्जिद को वैद्य बताने के बात भी लोग इसे हटाने की मांग पर अडे़ है। जिस पर लोगों ने 24 अक्टूबर को जन आक्रोश रैली का ऐलान किया। इसके लिए बकायदा परमिशन ली गई थी। लेकिन कल रैली के दौरान पथराव के बाद स्थिति ज्यादा खराब हो गई और पुलिस को हालात काबू में करने के लिए लोगों को खदेड़ना भी पड़ा। जिसके बाद अब पूरे जिले में धारा 163 लागू है। शुक्रवार को भी व्यापारियों के आव्हान पर पूरी यमुना घाटी के बाजार बंद हैं।
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