दिग्गज नेता ने खोला 62 हजार करोड़ के NDA घोटाले का राज, मोदी की हो रही किरकिरी!देखे वीडियो

Ad Ad
ख़बर शेयर करें



बिहार चुनाव से ठीक पहले बीजेपी को तगड़ा झटका… पार्टी के ही दिग्गज नेता ने NDA सरकार के 62 हजार करोड़ के घोटाले का खुलासा कर दिया है…

राजनीति में इन दिनों एक बड़ा बवाल मचा हुआ है.. राज्य में होने वाले विधानसभा चुनावों से महज एक दिन पहले.. भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने अपनी ही सरकार पर 62,000 करोड़ रुपये के बिजली घोटाले का गंभीर आरोप लगाया है… यह आरोप अडानी पावर लिमिटेड के साथ हुए एक लंबे समय के बिजली खरीद समझौते से जुड़ा है.. सिंह ने दावा किया है कि इस सौदे में बिहार सरकार के मंत्री और अधिकारी शामिल हैं.. और इसकी जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो से कराई जानी चाहिए…

video link- https://youtu.be/YofkVFK9K7A?si=eNOAf0E3NlDRpsi-

वहीं यह खुलासा 4 नवंबर को एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में हुआ.. बिहार में पहले चरण का मतदान 6 नवंबर को है.. जबकि दूसरे चरण का 11 नवंबर को होगा.. नतीजे 14 नवंबर को आएंगे.. ऐसे में यह आरोप एनडीए के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है.. विपक्षी दल राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस ने इसे तुरंत चुनावी मुद्दा बना लिया है.. उन्होंने कहा कि भाजपा जो ‘भ्रष्टाचार मुक्त भारत’ का नारा देती है.. वह खुद घोटालों में फंसी हुई है..


आपको बता दें कि आरके सिंह एक पूर्व आईएएस अधिकारी हैं.. जो 2017 से 2024 तक नरेंद्र मोदी सरकार में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री रहे.. 2014 से वे भाजपा सांसद हैं.. और बिहार के अररिया से लोकसभा सदस्य हैं.. ऊर्जा मंत्रालय में रहते हुए उन्होंने बिजली क्षेत्र में कई सुधार किए.. जैसे कि बिजली उत्पादन बढ़ाना और सब्सिडी को सही दिशा देना.. लेकिन अब उन्होंने बिहार सरकार पर उंगली उठाई है..

इंटरव्यू में सिंह ने कहा कि बिहार सरकार ने अडानी पावर लिमिटेड के साथ एक 25 साल का समझौता किया है.. जिसमें बिजली को प्रति यूनिट 6.08 रुपये में खरीदने का प्रावधान है.. यह बाजार दर से 140% ज्यादा है.. बाजार में बिजली की कीमत 2.50 से 3 रुपये प्रति यूनिट है.. लेकिन यहां 6 रुपये से ज्यादा तय की गई है.. और उन्होंने दावा किया कि इस सौदे से बिहार को अगले 25 सालों में कम से कम 62,000 करोड़ रुपये का नुकसान होगा.. जो कुल मिलाकर 1.4 लाख करोड़ तक पहुंच सकता है..

बता दें कि सिंह ने आगे कहा कि भागलपुर जिले में पिरपैंती थर्मल पावर प्लांट के लिए 1,050 एकड़ जमीन अडानी को सिर्फ 1 रुपये में दी गई.. यह प्लांट अभी निर्माणाधीन है और 2027 तक चालू होने की उम्मीद है.. लेकिन समझौते में बिजली की ऊंची कीमत तय करके उपभोक्ताओं पर बोझ डाला गया.. सिंह ने इसे धोखा बताया और कहा कि इसमें राज्य के ऊर्जा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी और मंत्री शामिल हैं.. सीबीआई जांच जरूरी है..

वहीं यह पहली बार नहीं है जब सिंह ने अडानी पर सवाल उठाए.. 2023 में हिंदनबर्ग रिपोर्ट के बाद उन्होंने अडानी समूह की कंपनियों की जांच की मांग की थी.. लेकिन इस बार आरोप उनकी अपनी पार्टी की सरकार पर है.. जो एनडीए का हिस्सा है.. बिहार सरकार ने 2023 में अडानी पावर के साथ यह समझौता किया था। राज्य को बिजली की कमी है, और यह प्लांट 1,600 मेगावाट बिजली पैदा करेगा.. लेकिन समस्या कीमत में है.. सामान्य तौर पर, थर्मल पावर प्लांट्स से बिजली 3-4 रुपये प्रति यूनिट में मिलती है.. लेकिन यहां 6.08 रुपये तय किए गए.. जो लंबे समय के लिए बंधनकारी है..


सिंह के अनुसार यह सौदा पारदर्शी नहीं था.. टेंडर प्रक्रिया में अडानी को फायदा पहुंचाया गया.. जमीन मुफ्त में दी गई, और कीमत ऊंची रखी गई.. ताकि कंपनी को ज्यादा मुनाफा हो.. इससे बिहार के बिजली उपभोक्ताओं को महंगी बिजली मिलेगी.. जो गरीब परिवारों पर बोझ बनेगा.. राज्य सरकार सब्सिडी देकर इसे कवर करने की कोशिश करेगी.. लेकिन यह करदाताओं का पैसा है..

विपक्ष का कहना है कि यह ‘क्रोनी कैपिटलिज्म’ का उदाहरण है.. जहां सरकारें अपने दोस्तों को फायदा पहुंचाती हैं.. अडानी समूह ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि टेंडर प्रक्रिया पारदर्शी थी.. और बिहार सरकार ने इसे मंजूरी दी.. कंपनी ने कहा कि ये आरोप गलत और दुर्भावनापूर्ण हैं.. हम कानूनी कदम उठाएंगे.. लेकिन सिंह का दावा है कि बाजार दर से तुलना करने पर घोटाला साफ दिखता है..

बिहार चुनाव में एनडीए (भाजपा-जदयू) और महागठबंधन (आरजेडी-कांग्रेस) के बीच कांटे की टक्कर है.. एनडीए विकास और जंगलराज खत्म का नारा दे रही है.. जबकि विपक्ष नौकरी.. और भ्रष्टाचार पर हमला बोल रहा है.. यह आरोप एनडीए के लिए संकट पैदा कर सकता है. आरजेडी ने तुरंत सोशल मीडिया पर हमला बोला.. पार्टी के आधिकारिक हैंडल से ट्वीट किया गया कि 72,000 करोड़ के घोटाले के बाद.. अब 62,000 करोड़ का बिजली घोटाला.. बिहार गरीब राज्य नहीं है.. भाजपा-जदयू ने इसे लूट लिया.. कमीशनखोरी से आप गरीब बने हैं.. अब जागो और तेजस्वी यादव की सरकार के लिए वोट दो.. आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि यह एनडीए का लालू राज से भी बुरा जंगलराज है.. उन्होंने वोटरों से अपील की कि जाति-पात से ऊपर उठकर विकास के लिए वोट दें..

कांग्रेस ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस की.. कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि भाजपा का वरिष्ठ नेता खुद अपनी सरकार पर सीबीआई जांच की मांग कर रहा है.. मोदी जी अब क्या कहेंगे.. यह घोटाला बिहार के गरीबों का पैसा लूट रहा है.. कांग्रेस ने इसे ‘मोदी-अडानी भाई-भतीजावाद’ बताया.. जदयू नेता नीतीश कुमार ने चुप्पी साधी है.. लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि ग्रामीण इलाकों में बिजली बिल बढ़ने से वोटर नाराज हो सकते हैं.. बिहार में 70% आबादी ग्रामीण है.. और बिजली सब्सिडी पर निर्भर है..


कांग्रेस नेता कान्हैया कुमार ने कहा था कि अडानी अन्य राज्यों में 3 रुपये प्रति यूनिट बिजली देता है.. लेकिन बिहार में 6 रुपये क्यों.. इससे 56,000 करोड़ बच सकते थे.. विपक्ष का आरोप है कि केंद्र सरकार अडानी को फायदा पहुंचा रही है.. 2023 में एलआईसी को 30,000 करोड़ अडानी में निवेश करने को मजबूर किया गया.. एनडीए ने कहा कि यह सौदा बिहार की बिजली जरूरतों के लिए जरूरी था.. ऊर्जा मंत्री ने टेंडर को पारदर्शी बताया.. लेकिन सिंह का बयान पार्टी के अंदर असंतोष दिखाता है.. कुछ विश्लेषक कहते हैं कि सिंह चुनावी दबाव में बोल रहे. क्योंकि अररिया सीट पर उनका प्रभाव है