पिथौरागढ़ में दो दिन से हो रही मूसलाधार बारिश, कई सड़कें बंद, बिजली आपूर्ति भी बाधित

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उत्तराखंड में बारिश ने अपना कहर बरपाना शुरू कर दिया है। सीमांत जिले पिथौरागढ़ के ज्यादातर इलाकों में बीते दो दिनों से मूसलाधार बारिश हो रही है। जिस कारण जिले में कई स्थानों पर भूस्खलन की घटनाएं सामने आ रही हैं। कई स्थानों पर सड़कें बाधित हो गई हैं। इसके साथ ही लाइनों में पेड़ गिरने से बिजली आपूर्ति भी कई जगहों पर बाधित है।


पिथौरागढ़ में दो दिन से हो रही मूसलाधार बारिश
सीमांत जिले पिथौरागढ़ में बीते दो दिनों से मूसलाधार बारिश हो रही है। भारी बारिश के कारण सीमांत में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। लगातार हो रही बारिश के कारण कई लोगों के मकानों में दरारें आ गई हैं। इसके साथ ही कई स्थानों पर भूस्खलन के कारण मलबा आने से सड़कें बाधित हो गई हैं।

24 घंटे में थल में हुई 180 एमएम बारिश
बीते 24 घंटे में थल में सबसे ज्यादा 180 एमएम तो बेरीनाग में 130 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई। बारिश के कारण मुनस्यारी-थल सड़क बनिक के पास मलबा और पत्थर गिरने लगे। जिस कारण सड़क चार घंटे तक बंद रही। इसके साथ ही बारिश के बाद नाचनी के फल्याटी में भी सड़क पर मलबा आ गया। जिस कारण सड़क बंद हो गई। धापा-मिलम मोटर मार्ग भी मलबा आने स बंद रही।

रौंगती नाले के पास भारी मलबा आने से मार्ग बाधित
भारी बारिश के कारण धारचूला-मुनस्यारी के कई मोटर मार्ग बंद हो गए हैं। इसके साथ ही चीन सीमा को जोड़ने वाली मुनस्यारी मिलम सड़क भी बाधित हो गई है। सड़क के बंद होने से 60 गांवों का संपर्क कट गया है। तवाघाट-लिपुलेख मोटर मार्ग बंद होने के तीन बाद भी इसे खोला नहीं जा सका है। तीसरे दिन भी आदिकैलाश यात्री उच्च हिमालयी इलाकों में फंसे रहे। इसके साथ ही धारचूला-तवाघाट मोटर मार्ग में रौंगती नाले के पास मलबा आ गया। मलबा आने से ये मार्ग भी बाधित हो गया है। गनीमत रही कि जिस वक्त मलबा आया उस वक्त वहां पर कोई मौजूद नहीं था। वरना कोई बड़ा हादसा हो सकता था