मरना तय!,गुजरात में आतंकी डॉक्टर बना रहे थे रिसिन नामक जहर, नहीं कोई एंटीडोट, ये था प्लान-Ricin Poison

Terrorist Doctor was making Ricin Poison: गुजरात(Gujrat) से एक ऐसी खबर सामने आ रही है जिसे पढ़कर आपका भी दम घुटने लगेगा। हाल ही में गुजरात ATS ने आतंकी गतिविधियों से जुड़े 3 लोगों को गिरफ्तार किया है। जिसमें एक हैदराबाद का 35 साल का डॉक्टर अहमद मोहियुद्दीन सैयद भी शामिल है। जिसके पास रिसिन नाम का एक खतरनाक केमिकल या यू कहें कि जहर मिला है। ये जहर इतना खतरनाक है कि इसका 1 ग्राम ही कई लोगों की मौत का कारण बन सकता है। इस जहर का एंटीडोट भी नहीं है।

गुजरात में डॉक्टर बना रहे थे Terrorist Doctor was making Ricin Poison
दरअसल गुजरात एटीएस(ATS) ने आईएसआईएस(ISIS) से जुड़े एक बड़े आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया। इस प्लाट को नाकाम करने के दौरान सुरक्षा एजेसियों को एक ऐसी जानकारी मिली है जिसने उनके होश उड़ा दिए हैं। गुजरात ATS ने ISIS आतंकी डॉक्टर अहमद मोहिउद्दीन सईद को गिरफ्तार किया है। उसके पास से रिसिन नामक जहर मिला है।

आतंकवादियों का ये था प्लान
पुलिस के बयान के मुताबिक रिसिन के जरिए भारत पर केमिकल अटैक करना चाहता था। सईद ने कास्टर ऑयल(Caster Oil) से रिसिन एक्सट्रैक्ट करने की कोशिश की। रिसिन को स्प्रे या पाउडर बनाकर हवा में फैलाने की साजिश थी। बता दें कि एक चम्मच रिसिन से 1 लाख लोग मर सकते हैं। CDC इसे कैटेगरी B बायोटेररिस्ट एजेंट मानता है।
क्या है रिसिन जहर? What is Ricin Poison
ये जहर एक प्रोटीन है जिसका नाम है रिसिन (Toxic Protein Ricin)। ये रिसिन नाम का प्रोटीन इतना जहरीला है कि इसकी एक ग्राम की मात्रा भी इंसान की जान ले सकती है। रिसीन अरंडी के बीज में पाया जाता है। आमतौर पर अरंडी के बीज से तेल निकाला जाता है।
अरंडी का ये तेल कई प्रोडक्ट्स को बनाने में इस्तेमाल होता है। अरंडी का तेल निकालने के बाद बचे हुए बीजों के कचरे को कैस्टर केक कहते हैं। इसी कैस्टर केक से रिसिन निकाला जाता है। आसान भाषा में समझें तो तेल निकालने के बाद बीजों का जो गूदा बच जाता है उसी में रिसिन होता है। रिसिन बनाने के लिए अरंडी के बीज के गूदे को थोड़ा ट्रीट करते हैं जिससे रिसिन तैयार होता है।
कितना खतरनाक है रिसिन?
ये रिसिन नाम का जहरीला प्रोटीन इतना खतरनाक है कि अगर ये हवा में फैल जाए तो जानलेवा भी हो सकता है। इसे दुनिया का सबसे घातक प्राकृतिक जहर माना जाता है। ये साइनाइड से 6,000 गुना ज्यादा जहरीला होता है। अगर, यह सांस के जरिए, खाने या इंजेक्शन से शरीर में पहुंच जाता है तो यह कोशिकाओं में प्रोटीन संश्लेषण रोक देता है। शरीर प्रोटीन बनाने बंद कर देता है।
मरना तय!, नहीं है कोई एंटीडोट
इंसानों पर इसके लक्षण 4-6 घंटे में शुरू हो जाते हैं। इसका असर शुरू होते ही उल्टी, दस्त, बुखार, अंग फेल होना शुरू हो जाता है. साथ ही 36-72 घंटों में मौत तय है क्योंकि इसका कोई एंटीडोट नहीं बना है।
प्रथम विश्व युद्ध से किया जा रहा इसका इस्तेमाल
रिसिन की खोज 1888 में पीटर हर्मन स्टिलमार्क ने की थी। इसको जहर के तौर पर इस्तेमाल करने की कोशिश नई नहीं है। प्रथम विश्व युद्ध में जर्मनी ने इसे हथियार के रूप में आजमाया था। 1978 में बुल्गारिया के डिसिडेंट जॉर्जी मार्कोव को एक छतरी की मदद रिसिन इंजेक्ट करके मार दिया गया था। 2003 में अमेरिका में रिसिन लेटर भेजे गए। 2013 में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को रिसिन युक्त लेटर मिला था
सबसे पहले ख़बरें पाने के लिए -
👉 सच की तोप व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें

