पलायन रोकने के लिए सेवा दीप निकेतन की गोष्ठी मे युवाओं को दिए टिप्स

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पलायन आयोग के सदस्य आरपी पैन्यूली ने छड़ायल स्थित लोक मणि दुमका दीप निकेतन के लाइब्रेरी के प्रांगण में युवाओं को कई तरह के गुर सिखाए उन्होंने कहा कि पहले स्वरोजगार होगा जिसके माध्यम से युवाओं को रोटी से जोड़ा जाएगा उसके बाद समस्याओं का निवारण किया जाएगा फिर उसके बाद नियोजन किया जाएगा.

इस सब के लिए युवाओं को वर्ष भर में एक बार अपने मूल पैतृक गांव जरूर जाना चाहिए सरकार की ओर से बनाई जा रही सड़कें गांव के उधम को बाजार लाने के लिए इस्तेमाल होनी चाहिए ना कि गांव से लोगों को शहर तक पहुंचाने के लिए. मेरा गांव मेरी तीर्थ योजना के तहत लोगों को अपनी जन्मभूमि को तीर्थ के रूप में अपना घर वहां की क्या हुआ को जीवन में धारण करना चाहिए कि उनका जीवन निरोग रह सके शहरों के बढ़ते प्रदूषण से लोगों को निजात मिल सके.

रामप्रकाश पैनली जोकि शिवा दीप निकेतन के महासचिव जी ने कहा कि सेवा दीप निकेतन राष्ट्र के लिए युवाओं को तैयार करने का भी काम करता है ताकि वह देश और प्रदेश के लिए अपनी पूरी सेवा दे सकें उन्होंने रामायण काल की कथा को बता कर युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि जब रावन को रामचंद्र जी ने मार दिया था तब लक्ष्मण ने यह कहा था कि भैया अयोध्या में तो भरत राज कर रहे हैं यह सोने की लंका है क्यों नहीं यही ही रहा जाए इस पर भगवान रामचंद्र ने उपदेश देते हुए कहा कि जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि कदाय प. अपनी जन्मभूमि से बढ़िया कोई कोई जगह नहीं है अपनी जन्मभूमि में ही स्वर्ग होता है इसीलिए लंका में रहेगी वह सुखशा न्ति नहीं जो अपनी अयोध्या में है.

सेवा दीप निकेतन के संचालक के तौर पर भूमिका निभा रहे मनोज पाठक ने कहा कि इस तरह की कई वर्षों से वह युवाओं में स्वरोजगार एवं स्वदेश की भावना विकसित करने का लगातार जाती है तथा उन्हें अपने पैरों पर खड़ा होने के बाद और देश के लिए काम करने के लिए भी प्रेरित किया जाता है .