कृष्ण की यमुना का ऐसा हाल! नदी नहीं ये तो नाला बन गई है, क्या है इस जहरीले झाग का कारण?
आप सभी ने बचपन में कालिया नाग की कहानी तो सुनी ही होगी। कहा जाता हैं की ये कालिया नाग यमुना में रहता था जो अपने मुंह से जहर फेंककर यमुना को जहरीला कर देता था। जिसके बाद भगवान कृष्ण ने आकर यमुना को कालिया नाग से बचाया था।
लेकिन जरा रुकिए अगर कालिया नाग अब यमुना में नहीं है तो आखिर अब यमुना(Yamuna River) में ये सफेद झाग कैसा?
यमुना में ये सफेद चीज कोई ग्लेशियर की नहीं है बल्कि ये झाग है। यमुना में बर्फ कि परत की तरह दिखाई देने वाला ये सफेद झाग टॉक्सिक है। हाल ही में सोशल मीडिया पर यमुना नदी के झाग वाले पानी का वीडियो वायरल हुआ था। आपको बता दें कि ये पहली बार नहीं है जब यमुना की ऐसी वीडियो सामने आई हो। हर साल छठ पूजा से पहले प्रशासन इस नदी से झाग हटाने के काम में लग जाते है। इसी जहरीले झाग वाली नदी में छठ पूजा(Chat puja 2024) मनाने वाली महिलाए डूबकी लगाती हुई दिखाई देंगी।
यमुना के जहरीले होने का कारण
उत्तराखंड के यमुनोत्री से निकलने वाली यमुना, गंगा की सबसे बड़ी सहायक नदी है। पश्चिमी हिमालय से निकल कर उत्तर प्रदेश और हरियाणा की सीमा के सहारे 95 मील का सफर तय कर यमुना उत्तरी सहारनपुर के मैदानी इलाके में पहुंचती है। जिसके बाद ये दिल्ली, आगरा से होती हुई प्रयागराज में गंगा नदी से मिल जाती है। जैसे ही ये कल-कल करती स्वच्छ यमुना दिल्ली में ऐंटर करती है तो ये एक बदबूदार झाग भरे नाले में तबदील हो जाती है। इसकी वजह है अनट्रिटेड सिवेज (Untreated Sewage), इंडस्ट्रिज (Industries) से निकलने वाला केमिकल वेस्ट (Chemical Waste), Agricultural Runoff, ढेर सारा कचरा, जानवरों के शव और डिकंपोस्ड पेड़ पौधे।
यमुना के पार्ट्स (Yamuna has five main parts)
1376 किमी लंबी इस यमुना के पांच मेन हिस्से हैं:-
- Mountains – यमुनोत्री से हथिनीकुंड बराज
- Upstream delhi – हथिनीकुंड बराज से वजीराबाद बराज
- Delhi – वजीराबाद बराज से यमुना बराज ओखला
- Downstream delhi – ओखला बराज से चंबल
- उत्तर प्रदेश में 468 किलोमीटर लंबा भौगोलिक इलाका – बल, केन, सिंध और बेतवा नदियां मिलती हैं।
पहला हिस्सा पहाड़ों पर, यहां यमुना बिल्कुल अपने शुद्ध रूप में बहती है। दूसरा हिस्सा अपस्ट्रीम दिल्ली यहां यमुना धिरे धिरे प्रदूषित होना शुरु हो जाती है। तीसरा हिस्सा दिल्ली, यही नदी का सबसे प्रदूषित इलाका है।चौथा हिस्सा डाउनस्ट्रीम दिल्ली और अपने पांचवे हिस्से में साफ सुथरी सुरक्षित बचाई गई यमुना से चंबल, केन, सिंह और बेतवा नदियां मिलती हैं।
दिल्ली में मृत हो गई है यमुना नदी
विशेषज्ञों ने तो दिल्ली में यमुना को मृत DEAD घोषित कर दिया है। यानें की इस नदी में कोई भी aquatic animal नहीं रह सकता है। BHU के फिजिसिस्ट फणींद्र पति की मानें तो इसकी वजह यमुना में छोड़ा जा रहा इंडस्ट्रियल वेस्ट है। जिससे यमुना के पानी का temperature बढ़ने के साथ साथ इसका biochemical oxygen demand (बीओडी) भी बढ़ने लगा है। बीओडी पानी में कार्बनिक substances को तोड़ने के लिए जरूरी ऑक्सीजन के अमाउंट को नापता है। अगर बीओडी ज्यादा होगा तो पानी को कार्बनिक substances को तोड़ने के लिए ज्यादा ऑक्सीजन चाहिए होगी।
यमुना की इस हालट का कौन है जिम्मेदार?
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के इस साल जून तक के आंकड़ों को देखें तो इससे साफ पता लगता है कि यमुना के लिए निर्धारित BOD standard – 3 mg/litre या उससे कम है। यमुना में सिर्फ हरियाणा के पल्ला में ये आंकड़ा मैच करता है जहां पानी में बीओडी 2 मिलीग्राम/लीटर है। अपने इस स्टेज में हजारों लोगों को भरण पोषण करने वाली यमुना आज खुद ही झाग की चादर में दम तोड़ रही है….. इसका जिम्मेदार हम किसे मानें सरकार को प्रशासन को या फिर इन सब की वजह हम खुद ही हैं
सबसे पहले ख़बरें पाने के लिए -
👉 सच की तोप व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें