उत्तराखंड बड़ा खुलासा: BJP नेता पर दो राज्यों में वोट डालने का आरोप, चुनाव आयोग में मचा हड़कंप

देहरादून : कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हाल ही में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर हरियाणा चुनाव में “वोट चोरी” के आरोप लगाए थे और आशंका जताई थी कि बिहार चुनाव के दौरान भी बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है।
इसी मुद्दे को आगे बढ़ाते हुए हरीश रावत ने कहा कि भाजपा से जुड़े एक नेता ने 2022 में उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में मतदान का दावा किया, और अब बिहार चुनाव के पहले चरण में मतदान करने के साथ ही दूसरे चरण में वोट डालने की तैयारी की बात कही है।
हरीश रावत का सोशल मीडिया पोस्ट

रावत ने आरोप लगाया कि उक्त भाजपा नेता मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं, लेकिन वर्तमान में उत्तराखंड में रहते हैं।
उन्होंने दावा किया कि वर्ष 2022 में उत्तराखंड में वोट डालते समय उस नेता ने संदेश जारी किया था—
“मेरा वोट देवभूमि की सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा, सेना के शौर्य पर अभिमान और तुष्टीकरण की राजनीति पर चोट करने के लिए… आप भी मतदान करें। पहले मतदान, फिर जलपान।”
रावत के अनुसार अब वही व्यक्ति बिहार पहुंचे और पहले चरण में मतदान करने के बाद दूसरे चरण में भी वोट डालने की तैयारी की बात कह रहा है।
रावत ने उक्त पोस्ट में यह भी कहा कि बिहार में वोट डालने के दौरान उस व्यक्ति ने लिखा—
“विकसित और सुरक्षित बिहार के लिए मतदान जारी है! मैं और मेरी माताजी वोट कर चुके हैं। आप भी मतदान कीजिए।”
पोर्टेबल वोटर” का आरोप
पूर्व मुख्यमंत्री ने भाजपा पर संगठित तरीके से ऐसे “पोर्टेबल वोटर” तैयार करने का आरोप लगाया, जो एक से अधिक राज्यों में वोट डालते हैं।
रावत ने कहा कि ऐसे लोगों की संख्या लाखों में है, और वे अलग-अलग राज्यों व जिलों में चुनाव के दौरान पहुंचकर मतदान करते हैं। उन्होंने दावा किया—
“संगठित वोट चोरी के प्रमाण हर जिले, शहर और स्थान पर मौजूद हैं। चुनाव आयोग इस धांधली से अवगत होने के बावजूद कार्रवाई नहीं कर रहा है, बल्कि प्रोत्साहित करता हुआ प्रतीत होता है।”
रावत ने कहा कि यदि इस पर सवाल उठते हैं, तो चुनाव आयोग ब्लॉक लेवल ऑफिसर (BLO) पर जिम्मेदारी डाल देता है।
“बीएलओ से लेकर चुनाव आयुक्त तक केवल संविधान के सजावटी पद बनकर रह गए हैं,” — रावत ने आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि वे ऐसे और मामलों की पहचान कर रहे हैं, और लोगों से भी ऐसे उदाहरण सामने लाने की अपील की ताकि “एक वोट के अधिकार की निष्पक्षता” की रक्षा की जा सके।
कांग्रेस की मांग
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि लोकतंत्र की सुरक्षा के लिए मतदान प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करना जरूरी है।
राहुल गांधी को इस अभियान का नेतृत्व करते हुए “संगठित वोट चोरी” के खिलाफ आंदोलन तेज करने की अपील भी की गई है
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