गिरते रुपए के बीच आई ये बुरी खबर, अर्थव्यवस्था की सेहत के लिए अच्छे संकेत नहीं
भारतीय अर्थव्यवस्था की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं हैं। डॉलर के मुकाबले रुपया ऐतिहासिक रूप से गिर रहा है तो वहीं विकास दर भी गिर रही है। अब देश के निर्यात में गिरावट के आंकड़ों ने नई परेशानी खड़ी कर दी है। उधर आयात के आंकड़ों के आने के बाद सरकार इतनी परेशान हुई कि दोबारा आंकड़े जारी किए।
10 सालों में 210 फीसदी गिरा रुपया
ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GRTI) ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि भारतीय रुपया पिछले वर्ष 16 जनवरी से अब तक अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 4.71 प्रतिशत कमजोर होकर 82.8 रुपए से 86.7 रुपए पर आ गया है। पिछले 10 वर्षों का आंकड़ा देखें तो जनवरी 2015 से जनवरी 2025 के बीच अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपए में 210 प्रतिशत की गिरावट आई और यह 41.2 रुपये से टूटकर 86.7 रुपये पर आ गया है।
रुपए के गिरने के बीच आयात निर्यात के फ्रंट पर भी भारत के लिए बुरी खबर है। वाणिज्य विभाग ने हाल ही में आंकड़े जारी कर बताया कि भारत का वस्तु व्यापार घाटा दिसंबर में घटकर 21.94 बिलियन डॉलर रह गया, जो नवंबर में रिकॉर्ड 31.86 बिलियन डॉलर था, जबकि सोने का आयात आधा घटकर 4.7 बिलियन डॉलर रह गया।
आयात निर्यात भी गिरा
आंकड़ों से पता चलता है कि दिसंबर में भू-राजनीतिक तनाव के बीच वस्तु निर्यात में सालाना आधार पर 1 प्रतिशत की गिरावट आई और यह 38.01 बिलियन डॉलर रहा। गौरतलब है कि दिसंबर 2024 में इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात 35.11 प्रतिशत बढ़कर 24 महीने के उच्चतम स्तर 3.58 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया।
इस बीच, आयात में साल-दर-साल 4.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई और यह 59.95 अरब डॉलर हो गया, लेकिन नवंबर के संशोधित आंकड़े 63.86 अरब डॉलर की तुलना में इसमें 6 प्रतिशत की गिरावट आई।
अप्रैल-नवंबर 2024 की अवधि के लिए आयात डेटा के आंकड़े में भी 17.5 बिलियन डॉलर की गिरावट देखी गई, जो 486.8 बिलियन डॉलर से घटकर 469.3 बिलियन डॉलर हो गया। सुधारों ने मुख्य रूप से सोने के आयात के आंकड़ों को प्रभावित किया, जिसे इस अवधि के लिए 11.7 बिलियन डॉलर की गिरावट के साथ संशोधित किया गया, साथ ही चांदी और इलेक्ट्रॉनिक्स आयात में भी कमी की गई
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