तीलू रौतेली अवार्ड मिलने पर भावुक हुई गुंजन, बोली उसे बेहतर सेवा करने की प्रेरणा देगा यह पुरस्कार

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हल्द्वानी /देहरादून एसकेटी डॉट कॉम

हल्द्वानी भिक्षुक बच्चों को शिक्षा से दूर रखने और शिक्षा से जोड़ने का पावन कार्य करने वाली गुंजन अरोड़ा बिष्ट को सरकार ने इस बार राज्य स्त्री शक्ति तीलू रौतेली पुरस्कार से सम्मानित किया है।

लगातार कई वर्षों से सैकड़ो बच्चों और बुजुर्गों की सेवा में लगी गुंजन को इस बार सरकार ने उनके सेवा भाव का पुरस्कार दिया हालांकि पिछले दो-तीन वर्षों से लगातार उसका नाम इस पुरस्कार के लिए भेजा जा रहा था लेकिन उनका चयन नहीं होने से उनके समर्थकों और जिन लोगों की वह सेवा कर रही थी उनमें निराशा का भाव जरूर था लेकिन उन्हें यह जरूर उम्मीद थी कि एक न एक दिन उसकी सेवा का उसे सरकार जरूर संज्ञान लेगी और उसे पुरस्कार मिलेगा इस बार भी उसका नाम गया था लेकिन पहली सूची में उसका नाम नहीं होने पर उसके समर्थकों में एक बार फिर निराशा थी कि इतना बहुत कुछ कार्य करने के बाद भी सरकार की बनी कमेटी उसकी ओर नहीं देख पा रही है

लेकिन आखिरकार उसके कार्यों का प्रभाव था कि सरकार ने उसका चयन किया और उसे तीलू रौतेली पुरस्कार से सम्मानित किया कई वर्षों से वह हल्द्वानी और इसके आसपास रह रहे बच्चों को भिक्षावृत्ति से दूर कर उन्हें शिक्षा की ओर बढ़ाने का काम कर रही थी इसके अलावा कई बुजुर्ग जो आसरा विहीन होते हैं अथवा उनके आश्रितों द्वारा उन्हें छोड़ दिया जाता है उनकी भी सेवा उसके द्वारा की जाती है ओर बढ मांगने वाले बच्चों को शिक्षा से दूर कर

राजशक्ति तीलू रौतेली पुरस्कार पाकर गुंजन ने कहा कि यह पुरस्कार उन्हें नहीं हिम्मत दे रहा है अब वह और अधिक सक्रियता के साथ अपने कार्य को करेगी इस पुरस्कार ने उनके मन में कार्य करने का जज्बा और मजबूत कर दिया है आने वाले समय में वह और मजबूती के साथ समाज से बिछड़े और पथ भ्रष्ट हो चुके बच्चों जो की घर की कमी अथवा कुछ अभिभावकों द्वारा गलत संगत में चले जाने के कारण भीख मांगना शुरू कर देते हैं इन्हें दोबारा से एकत्रित करके इन्हें उचित और उज्जवल भविष्य की राह दिखाने का प्रयास करेगी।