चोर गिरोह सक्रिय! घर छोड़ने से पहले सुरक्षा के कर लें पुख्ता इंतजाम

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thief dialed 100 for help

देहरादून में इन दिनों चोर गिरोह सक्रिय है. रायपुर थाना क्षेत्र में नौ फरवरी को हुए बड़ी चोरी के मामले का पुलिस ने खुलासा कर दिया है. पुलिस ने सपेरा गैंग के चार शातिर अपराधियों को गिरफ्तार किया है. जिनके पास से लाखों के गहने और नकदी बरामद हुई है.

देहरादून में चोर गिरोह सक्रिय

मामले को लेकर 10 फरवरी को 2025 को आशीष रात्रा निवासी सहस्त्रधारा रोड ने थाना रायपुर में शिकायत दर्ज कराई थी. जिसमें उन्होंने बताया कि अज्ञात चोरों ने उनके घर की खिड़की तोड़कर सोने-चांदी के आभूषण और दो लाख नकद चोरी कर लिए. शिकायत के आधार पर पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू की.

घटना की गंभीरता को देखते हुए एसएसपी देहरादून ने थानाध्यक्ष रायपुर के नेतृत्व में तीन अलग-अलग टीमें गठित कर जल्द से जल्द आरोपियों को गिरफ्तार करने के निर्देश दिए. पुलिस ने पूर्व में चोरी के मामलों में शामिल अपराधियों का सत्यापन किया. इसके साथ ही घटना के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों को खंगाला. फुटेज में चार संदिग्धों को चोरी के समय घर में घुसते और बाहर निकलते देखा.

बंद घरों की रेकी करते थे आरोपी

पुलिस ने मुखबिर तंत्र को सक्रिय किया. जिसमें पता चला कि हल में में सपेरा गिरोह के कुछ अपराधी जेल से रिहा हुए हैं और दोबारा चोरी की वारदात को अंजाम देने की फिराक में है. पुलिस ने 15-16 फरवरी की रात को चेकिंग के दौरान रायपुर में चोरी की योजना बना रहे चार शातिर अपराधियों को गिरफ्तार किया. पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे पहले बंद घरों की रेकी करते थे और मौका पाकर चोरी की घटना को अंजाम देते थे.

आरोपियों ने ऐसे दिया था वारदात को अंजाम

आरोपियों की पहचान राहुल (32) हरियाणा, सौरभ (21) निवासी हरियाणा, विक्रम (35) निवासी रायपुर और राहुल उर्फ़ लल्लू (29) निवासी हरियाणा के रूप में हुई है. नौ फरवरी को चोरी से पहले तीन आरोपी अंबाला से देहरादून आए और देहरादून निवासी विक्रम से मिले. उन्होंने विक्रम के घर सपेरा बस्ती में ठहरकर बंद घरों की रेकी की. नौ फरवरी की रात चारों आरोपियों ने शिवगंगा एन्क्लेव में एक बंद घर को निशाना बनाया.

दो आरोपी राहुल और राहुल उर्फ़ लल्लू घर में घुसे. जबकि विक्रम और सौरभ घर के बाहर ऑटो में पहरा देते रहे. वारदात को अंजाम देने के बाद चारों ऑटो से फरार हो गए और चोरी का सामान विक्रम के अंदर ही छिपा दिया. अगले तीन दिनों में आरोपी अलग-अलग रास्तों से अंबाला लौट गए. 15 फरवरी को आरोपी चोरी का सामान बाँटने के लिए और नई वारदात को अंजाम देने की योजना बना रहे थे इससे पहले ही पलिस ने आरोपियों को दबोच लिया.