उत्तराखंड के इन निजी स्कूलों की होगी NOC निरस्त, शिक्षा मंत्री ने दिए आदेश

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उत्तराखंड के इन निजी स्कूलों की NOC होगी निरस्त

उत्तराखंड सरकार अब शिक्षा के अधिकार (RTE) अधिनियम के अनुपालन में किसी भी तरह की लापरवाही को लेकर सख्त रुख अपनाने जा रही है. सूबे के विद्यालयी शिक्षा मंत्री ने साफ कर दिया है कि जो निजी स्कूल आरटीई के तहत छात्रों को प्रवेश नहीं दे रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

RTE कानून का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई की तैयारी

मंत्री ने अपने शासकीय आवास पर विभागीय अधिकारियों के साथ एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की. बैठक में उन्होंने निर्देश दिए कि प्रदेश के सभी जिलों के मुख्य शिक्षा अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में RTE के तहत हुए नामांकनों की विस्तृत रिपोर्ट महानिदेशालय को सौंपें. मंत्री ने कहा सभी सरकारी और निजी स्कूलों का औचक निरीक्षण कर यह सुनिश्चित करें कि वे शिक्षा के अधिकार अधिनियम (RTE) के तहत तय मानकों पर खरे उतरते हैं या नहीं.

निजी स्कूलों की NOC होगी निरस्त

शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने दो टूक कहा कि जिन स्कूलों में आरटीई के तहत नामांकन नहीं हो रहा है, उन संस्थानों को नोटिस जारी कर उनके एनओसी को निरस्त करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. इसके लिए जनपद और ब्लॉक स्तर पर अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है. शिक्षा विभाग की इस सख्ती के बाद प्रदेशभर के निजी स्कूलों में हलचल तेज हो गई है.

क्या है आरटीई (RTE) कानून?

शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE) के तहत निजी स्कूलों को अपनी कुल सीटों का 25% हिस्सा आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के बच्चों के लिए आरक्षित करना होता है. यह कानून देश में 6 से 14 साल तक के बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा सुनिश्चित करता है.