बिग ब्रेकिंग- प्रदेश में बेरोजगारी की भारी कमी ! टिहरी झील में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के पुत्र और जिला पंचायत अध्यक्ष के पति चलाएंगे क्रूज बोट#ukcm#haldawanionline#haldawani live
टिहरी skt.com
यहां पर एक बहुत बड़ी खबर सामने आ रही है प्रदेश की नीति नियंत्रण में बेरोजगारों के हाथों हाथों से भी रोजगार छिनने की पूरी तैयारी कर ली है उत्तराखंड में पर्यटन की संभावनाओं को बढ़ाने और टिहरी झील में क्रूज बोट (हाउस बोट) चलाने की तैयारी है। लेकिन इस प्रोजेक्ट के लिए जिन 6 लोगों का नाम चयन किया गया है उनमें कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के बेटे सुयस रावत और जिला पंचायत टिहरी के अध्यक्ष सोना सजवान के पति रघुवीर सिंह सजवान का नाम शामिल है ।
लेकिनअब ये प्रोजेक्ट शुरूआत में विवादों से घिर गया है।
टिहरी झील में वोटिंग के मामले में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज को लेकर विपक्ष ने सवाल खड़े किए हैं। इस प्रोजेक्ट के लिए जो आवेदन मांगे गए उसमें अंतिम 6 में जगह बनाने वालों में वीआईपी नाम सामने आने से बवाल मचा हुआ है।
इससे पहले कांग्रेस की सरकार के दौरान जब अमृता रावत मंत्री थी तब महाराज जी एनजीओ को पॉलीहाउस प्रोजेक्ट में घोटाला करने लिप्त पाया गया था।
इस प्रोजेक्ट में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के सुपुत्र सुयेश रावत और जिला पंचायत अध्यक्ष सोना सजवान के पति रघुवीर सिंहसजवाण का नाम भी शामिल हैं।
जिससे गैरसेंण सत्र में इस मुद्दे ने सियासी घमासान मचा दिया है। ऐसे में कांग्रेस को बैठे बिठाए मुद्दा मिल गया है। गैरसेंण सत्र के बीच कांग्रेस ने इस मुद्दे पर सरकार और पर्यटन मंत्री को घेरना शुरू कर दिया है। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने इसे भ्रष्ट्राचार से जोड़ने की बात की है।
टिहरी विशेष क्षेत्र पर्यटन विकास प्राधिकरण ने झील में 02 क्रूज बोट (हाउस बोट) के संचालन की अनुमति दी है। कुल 06 सफल आवेदन टिहरी विशेष क्षेत्र पर्यटन विकास प्राधिकरण को मिले हैं।
अंतिम 06 में जगह बनाने वालों में एक नाम पर्यटन मंत्री उत्तराखंड सतपाल महाराज के सुपुत्र सुयेश रावत व दूसरा नाम टिहरी की जिला पंचायत अध्यक्ष सोना सजवाण के पति रघुवीर सिंह सजवाण भी शामिल हैं। इस प्रोजेक्ट को फाइनल करने वालों मे टिहरी जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी है वह किस तरह से अपने अध्यक्ष के पति का एवम विभागीय मंत्री के बेटे नाम लिस्ट से बाहर कैसे कर पाएंगे
इसलिए वीआईपी लोगों को ही यहां टेंडर मिलन निश्चित है हालांकि अभी इस पर विवाद खड़ा हो गया है सरकार फिलहाल इस विवाद को ठंडा होने का इंतजार करेगी उसके बाद फिर अपने लोगों को ही रेवाडिया मिलेगी इसमें कोई शक की बात नहीं है
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