जंगल की आग का कहर, करोड़ों की वन संपदा जलकर खाक
प्रदेश में जंगल की आग का कहर कम होने का नाम नहीं ले रहा है। दिन पर दिन जंगल के जगंल जलकर खाक हो रहे हैं। अब तो जंगलों की आग रिहायशी इलाकों में भी पहुंचने लगी है। जंगल की आग से प्रदेश में अब तक तीन लोगों की मौत हो गई है। जबकि दो जिलें में तीन मकान जलकर राख हो गए हैं।
प्रदेश में जंगल की आग पर काबू पाना दिन पर दिन मुश्किल होता जा रहा है। बीते 24 घंटे में प्रदेश में जंगल में आग लगने की 64 घटनाएं सामने आ रही हैं। शुक्रवार को सामने आई आग की घटनाओं में से 30 घटनाएं गढ़वाल से तो 29 कुमाऊं से और पांच घटनाएं वन्य जीव क्षेत्रों से सामने आई हैं।
अब तक वनाग्नि की घटनाओं में तीन की मौत
उत्तराखंड में वनाग्नि की घटनाओं में अब तक तीन लोगों की मौत हो गई है। बीते गुरूवार को अल्मोड़ा के सोमेश्वर के स्यूनराकोट के जंगलों में लगी आग की चपेट में आने से एक नेपाली मजदूर की मौत हो गई थी। जबकि तीन मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए। घायल तीन मजदूरों में से दो मजदूरों ने भी इलाज के दौरान दम तड़ दिया है।
बता दें कि सोमेश्वर के स्यूनराकोट के जंगलों में लगी आग की चपेट में आने से नेपाली मजदूर दीपक पुजारा (35) की मौके पर ही मौत हो गई थी और तीन अन्य लोग घायल हो गए थे। घायल तारा (30), ज्ञान बहादुर (40) की शुक्रवार को अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। जबकि चौथी महिला मजदूर पूजा अब भी जिंदगी की जंग लड़ रही है।
अब तक प्रदेश में सामने आई 868 घटनाएं
प्रदेश में इस फायर सीजन में आग की कुल 868 घटनाएं सामने आई हैं। जिसमें से सबसे ज्यादा घटनाएं कुमाऊं से सामने आई हैं। कुमाऊं में 456 आग की घटनाएं, गढ़वाल में 344 और वन्यजीव क्षेत्रों में 68 घटनाएं अब तक सामने आई हैं। अब तक आग से 1085.998 हेक्टेयर जंगल जलकर खाक हो गए हैं
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