भारत का इकलौता नवाब जिसने महल में ही बनवा लिया था 113 करोड़ रुपये का प्राइवेट रेलवे स्टेशन
भारत का इकलौता नवाब जिसने महल में ही बनवा लिया था 113 करोड़ रुपये का प्राइवेट रेलवे स्टेशन
रामपुर के नवाब हामिद अली खान अपनी आलीशान जीवनशैली और अनोखे शौकों के लिए जाने जाते थे। उनके इन्हीं शौकों का एक अद्भुत उदाहरण है कि उन्होंने अपने महल (Rampur Palace) के अंदर ही एक निजी रेलवे स्टेशन बनवाया था, जिसकी आज की कीमत करीब 113 करोड़ रुपये आंकी जाती है। आइए जानें इस अनोखे स्टेशन और ट्रेन की कहानी

महल के अंदर बना रेलवे स्टेशन
नवाब हामिद अली खान ने अपने निजी उपयोग के लिए महल के परिसर में ही स्टेशन बनवाया था। यह स्टेशन बिल्कुल असली रेलवे स्टेशन की तरह था -प्लेटफ़ॉर्म, सिग्नल, और ट्रैक सब कुछ मौजूद था। स्टेशन को इस तरह डिजाइन किया गया था कि नवाब और उनके मेहमान सीधे महल से ट्रेन में चढ़ सकें। नवाब ने करीब 40 किलोमीटर लंबी रेल लाइन बिछवाई थी जो रामपुर के बाहरी इलाकों तक जाती थी। यह लाइन सिर्फ राजघराने के उपयोग के लिए थी – यानी आम जनता को इसका उपयोग करने की अनुमति नहीं थी।

शाही ट्रेन
नवाब के पास अपनी चार डिब्बों वाली शाही ट्रेन थी। इस ट्रेन में शानदार सोफे, परदे, कालीन, डाइनिंग रूम और बेडरूम बने थे। अंदर की सजावट में सोना, चांदी और बारीक लकड़ी का काम था। यह ट्रेन नवाब की शाही सवारीथी, जो वे शिकार या यात्रा के लिए इस्तेमाल करते थे। स्टेशन, ट्रैक और ट्रेन – तीनों में उस दौर का बेहतरीन इंजीनियरिंग और लक्ज़री का नमूना था। यह भारत के इतिहास में किसी राजघराने द्वारा बनाया गया सबसे महंगा निजी रेलवे स्टेशन माना जाता है।

ऐतिहासिक महत्व
विभाजन के बाद, नवाब ने लोगों को सुरक्षित प्रवास में मदद करने के लिए भी अपनी ट्रेन का इस्तेमाल किया था। नवाब हामिद अली खान के निधन के बाद, निजी रेलवे स्टेशन का संचालन कम होने लगा। उनके उत्तराधिकारी, नवाब रजा अली खान, उसी भव्यता को बरकरार रखने में असमर्थ रहे, संपत्ति विवाद के चलते नवाब स्टेशन अब खंडहर बन गया है और बोगियों को जंग लग गई है। नवाब हामिद अली खान (शासनकाल 1930–1966) कला, संगीत और स्थापत्य प्रेमी थे।उनका यह रेलवे स्टेशन आज भी रामपुर की शाही विरासत (Royal Heritage) का प्रतीक है।
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