यहां बनेगी एलिवेटेड रोड, आसान होगा सफर, पढ़िए पूरी जानकारी
देहरादून में पिछले कुछ सालों में तेजी से शहरीकरण बढ़ा है। शहर के बाहरी इलाकों में भी अब नई कॉलोनियां बस रहीं हैं। इसी के साथ बढ़ रही है देहरादून में वाहनों की भीड़। सड़कों पर वाहनों का दबाव बढ़ने के चलते सड़कों पर यातायात प्रभावित हो रहा है और सरकारी मशीनरी पर नए और चौड़े मार्गों के निर्माण का दबाव भी बढ़ रहा है।
अब देहरादून की सड़कों पर बढ़ते इसी दबाव को कम करने के लिए एक बड़ी पहल होने जा रही है। राज्य सरकार ने देहरादून शहर से होकर गुजरने वाली दो नदियों के ऊपर एलिवेटेड रोड बनाने का फैसला लिया है। इन मार्गों को इस तरह डिजाइन किया जाएगा कि अन्य राज्यों से आने वाले पर्यटकों को मसूरी जाने के लिए शहर से होकर न गुजरना पड़े।
3400 करोड़ की लागत
बिंदाल और रिस्पना पर एलिवेटेड रोड बनाने के लिए सरकार ने अपनी कार्रवाई शुरु कर दी है। बिंदाल नदी पर कुल 15 किमी की एलिवेटेड रोड बनाई जाएगी। इसके साथ ही रिस्पना पर 11 किमी की एलिवेटेड रोड का प्रस्ताव है। शासन स्तर पर इन एलिवेटेड सड़कों के लिए फिजीबिलिटी सर्वे करा लिया गया है। इन सड़कों के निर्माण में 3400 करोड़ रुपए की लागत आने का अनुमान है। शुरुआती जानकारी के अनुसार रिस्पना पुल से सहस्त्रधारा और बिंदाल पुल से मैक्स अस्पताल तक इस रोड का निर्माण किया जाएगा। इन सड़कों को इस तरह बनाया जा रहा है कि बाहर से आना वाला ट्रैफिक सीधे मसूरी जा सके। उसे आईएसबीटी (ISBT Dehradun) आने की जरूरत न पड़े।
चार साल का प्रोजेक्ट
हालांकि एलिवेटेड रोड निर्माण का काम इतना आसान नहीं है। देहरादून में इस कार्य को पूरा करने में लंबा समय लग सकता है। एलिवेटेड रोड के निर्माण में कई ऐसी समस्याएं हैं जो इसके निर्माण को लंबा खींच सकती हैं। नदियों के किनारे अतिक्रमण इसमें से एक बड़ी समस्या है। इसके साथ ही मौसम के चलते भी निर्माण कार्य लंबा खिंच सकता है।
विरोध भी शुरु
इस बात में दो राय नहीं है कि देहरादून की सड़कों पर वाहनों का बहुत अधिक दबाव है और शहर सड़कों पर हांफने लगा है। लेकिन सच ये भी है कि देहरादून अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए भी लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र रहा है। ऐसे में देहरादून शहर के बीच से बहने वाली नदियों के ऊपर सड़क बन जाने से नदियों के रिवाईवल की उम्मीदें कम हो जाएंगी। दरअसल पिछले कुछ सालों से बिंदाल और रिस्पना नदी को साफ करने और उनको उनके पुराने स्वरूप में लौटाने के लिए आवाज उठ रही हैं। त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार ने रिस्पना को उसके पुराने स्वरूप में लाने के लिए अभियान भी शुरु किया था। ऐसे में अब कुछ लोग नदियों की सेहत को लेकर फिक्रमंद हैं और एलिवेटेड रोड का विरोध कर रहें हैं।
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