शव का नहीं छोड़ा हाथ…डर था कहीं खो ना जाए बॉडी, तस्वीरों में देखिए कैसा था महाकुंभ में भगदड़ का मंजर

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stampede in maha kumbh

प्रयागराज के संगम तट पर 28 जनवरी की आधी रात के बाद अचानक भगदड़ (Stampede in Kumbh Mela 2025) मच गई। जिसमें 14 लोगों की मौत की खबर सामने आ रही है। तो वहीं 50 से ज्यादा श्रद्धालु घायल हो गए। हादसे के बाद 14 शव पोस्टमॉर्टम के लिए अस्पताल भेजे गए। हालांकि प्रशासन ने अब तक मृतकों और घायलों की आधिकारिक संख्या नहीं बताई है।

महाकुंभ में भगदड़

हादसे के बाद का भयावह मंजर (Stampede in Kumbh Mela 2025)

भगदड़ के बाद घटनास्थल पर जो दृश्य था, वो बहुत ही दर्दनाक और दिल दहला देने वाला था। हर ओर जूते-चप्पल, कपड़े और श्रद्धालुओं का सामान बिखरा हुआ था। जमीन पर घायल तड़प रहे थे।

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वहीं कुछ लोगों के शव उनके परिजनों के पास पड़े थे। परिजन बिलखते हुए अपने प्रियजनों को पुकार रहे थे।

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कुछ लोग अपने मृत परिजनों का हाथ पकड़े बैठे थे। उन्हें डर था कि भीड़ और अफरातफरी में कहीं शव खो ना जाए।

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रेस्क्यू टीम जब एक शव को उठाने लगी तो उसका परिवार दौड़कर आगे आया और शव को पकड़ लिया।

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लोगों के चेहरों पर दहशत और दर्द साफ नजर आ रहा था। कई लोग अपने खोए हुए परिजनों को ढूंढ रहे थे। लेकिन उन्हें हर तरफ बस चीख-पुकार और अफरातफरी ही दिख रही थी।

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रेस्क्यू ऑपरेशन और अखाड़ों की वापसी

Stampede in Kumbh Mela 2025 के तुरंत बाद रेस्क्यू टीम ने मोर्चा संभाला और घायलों को अस्पताल पहुंचाने का काम शुरू किया। एनएसजी कमांडो और पुलिस बल ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए संगम नोज इलाके को खाली कराया।

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भगदड़ के बाद प्रशासन के अनुरोध पर सभी 13 अखाड़ों ने मौनी अमावस्या का अमृत स्नान रद्द करने का फैसला किया।

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हालांकि, बाद में बैठक के बाद तय किया गया कि सुबह 11 बजे के बाद अखाड़े स्नान करेंगे। महाकुंभ में आई इस बड़ी त्रासदी ने श्रद्धालुओं को झकझोर कर रख दिया। प्रशासन अब सुरक्षा बढ़ाने और आगे ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठा रहा है।