big breaking-dmntl कलेक्ट्रेट में ट्रांसफरों का खेल, डीएम गई अवकाश पर इधर हो गए तबादले!
जिलाधिकारी गई छुट्टी पर कार्यवाहक डीएम ने कर दिए ट्रांसफर कर्मचारी संगठनों में आया उबाल
ट्रांसफर नीति के खिलाफ कलेक्ट्रेट के अध्यक्ष और महामंत्री का भी हुआ ट्रांसफर
चेहते अधिकारी को उसके ही पटल में कर दिया प्रमोशन जबकि नियमों के तहत प्रमोशन के लिए कलेक्ट्रेट से बाहर होना था ट्रांसफर
नैनीताल skt.com
नैनीताल की जिलाधिकारी वंदना सिंह छुट्टी पर गई है यहां कार्यवाहक जिला अधिकारी ने कलेक्ट्रेट में कई कर्मचारियों के ट्रांसफर कर दिए इन ट्रांसफरों से पूर्व जिला अधिकारी की अनुमति नहीं ली गई बल्कि ट्रांसफर सूची में ही उनके अनुमोदन के लिए लिखा गया है।
(वह पत्र जिसमें ट्रांसफर आर्डर के बाद जिलाधिकारी को अनुमोदन के लिए लिखा है जबकि ट्रांसफर से पहले ही अनुमोदन लिया जाता है)
इस तरह की ट्रांसफर पर इंद्र सिंह परिहार और दिनेश थुवाल ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री के अलावा राजस्व कार्मिक एवं गोपन विभाग से भी की है।
जानकारी के मुताबिक नैनीताल कलेक्ट्रेट में कार्यवाहक जिला अधिकारी ने कई कर्मचारियों के ट्रांसफर कर दिए हैं इन ट्रांसफरों से कर्मचारी संगठनों में रोष है ट्रांसफर करने से पूर्व जिलाधिकारी का अनुमोदन जरूरी होता है लेकिन यहां तो जिलाधिकारी छुट्टी गई तो उनके पीछे ट्रांसफर कर दिए गए, इतना ही नहीं ट्रांसफर आर्डर में ही उनके अनुमोदन के लिए सूचनार्थ भी लिखा गया है। यानी कि ट्रांसफर के बाद उनके अनुमोदन को लिखा गया है जबकि उनका अनुमोदन ट्रांसफर करने से पूर्व लिया जाना चाहिए।
ट्रांसफर सूची में उन कर्मचारियों को ट्रांसफर नियमावली के विरुद्ध लाभ दिया है
कार्यवाहक जिलाधिकारी से जब इस संबंध में जानकारी चाहिए तो उन्होंने यह कह दिया कि यह सभी ट्रांसफर को जिला अधिकारी ने ही किए हैं वही इस संबंध में जिलाधिकारी से फोन पर जानकारी चाहिए तो उनका फोन नहीं उठा मैसेज करने पर भी कोई जवाब नहीं आया। वास्तव यह ट्रांसफर किसकी इशारे पर हुए यह तो जिलाधिकारी के वापस आने के बाद ही पता चल पाएगा।
(मुख्य सचिव एवं मंडल आयुक्त को शिकायत की प्रतिलिपि)
माना यह जाता है कि नीतिगत और ट्रांसफर के मामलों में हमेशा संबंधित अधिकारी ही फैसला लेता है जो उसे पद पर तैनात होता है कार्यवाहक अधिकारी कभी भी नीतिगत और ट्रांसफर के मामलों में फैसला नहीं लेते हैं।
(इंद्र सिंह परिहार का शिकायती पत्र)
सूत्र यह भी बता रहे हैं कि कई ऐसे कर्मचारियों के ऐसे पटलों पर ट्रांसफर किए हैं जहां की वह योग्यता नहीं रखते हैं एक ऐसे कर्मचारी का प्रमोशन उसी पटल की रीडर पद पर कर दिया गया है जबकि प्रमोशन के लिए उस पटल से बाहर जाना पड़ता है।
सामाजिक कार्यकर्ता इंद्र सिंह परिहार एवं दिनेश थुवाल ने सारे प्रकारों की शिकायत मुख्यमंत्री उत्तराखंड शासन ,कार्मिक एवं राजस्व विभाग गोपन विभाग तथा कुमाऊं आयुक्त को भी की है।
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