इस आंदोलनकारी ने अब राष्ट्रपति महोदया को खून से लिखा खत मांगे नहीं माने जाने से भूख हड़ताल पर जाने का लिया निर्णय (देखें वीडियो )
हल्द्वानी एसकेटी डॉट कॉम.
प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली एवं नर्सिंग की वर्ष वार भर्ती किए जाने की मांग को लेकर एलिंग वेलफेयर नर्सिंग फाउंडेशन के बैनर तले 1 अगस्त से अनिश्चितकालीन धरना हल्द्वानी के बुद्ध पार्क में शुरू हुआ है. इन नर्सिंग प्रशिक्षित युवाओं का कहना है कि प्रदेश भर में वर्तमान में साढे छह सौ के करीब स्थाई नर्सिंग कार्यरत है जबकि मानकों के अनुसार 12 हजार से अधिक नर्सों की जरूरत है.
प्रदेश बनने के 12 वर्ष बाद नर्सों की भर्ती के लिए विज्ञप्ति निकाली गई लेकिन तब से लेकर अब तक इन नर्सों को भर्ती के नाम पर गुमराह कर इधर-उधर भटकाया जा रहा है. एसोसिएशन के अध्यक्ष बबलू ने कहा कि इस पहले वह है अपनी मांगों को लेकर देहरादून में भी आंदोलन कर चुके हैं लेकिन सरकार ने उनकी मांगों की ओर कोई ध्यान नहीं दिया सरकार उनकी तरफ कभी भी विचार नहीं कर रही है
उन्होंने कहा कि सरकार बजट नहीं होने का रोना रो रही है लेकिन इनके पास उस समय बजट आ जाता है जब हाईकोर्ट के पूर्व मुख्यमंत्रियों के सरकारी आवासों के किराया देने की बात आई तो सरकार ने तुरंत धनराशि जारी कर दी. गरीब लोगों के टैक्स से आया पैसा सरकार सरकार में बैठे लोगों के भौतिक सुखों के लिए पानी की तरह बहाती है लेकिन जहां पर युवाओं के रोजगार की बात होती है वहां यह सरकार कन्नी काट लेती है
प्रदेश अध्यक्ष बबलू कुमार ने राष्ट्रपति को भेजे खून से लिखे पत्र में कहा है कि कोरना काल के दौरान उन्होंने अपने परिवार के लोगों और अपने जीवन की चिंता किए बगैर स्वास्थ्य सेवाओं को बरकरार रखा लेकिन जैसे ही कोरना काल खत्म हुआ वैसे ही सरकार ने उन्हें दूध में से मक्खी की तरह अलग कर दिया. उन्होंने बताया कि दिसंबर2020 को सरकार ने 1261 पदों को भरने के लिए विज्ञप्ति निकाली थी लेकिन इसके बाद उन्होंने इस मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया उन्होंने इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए उत्तराखंड सरकार को निर्देश देने की गुजारिश की है कि वह तुरंत नर्सिंग भर्ती वर्ष वार लागू किया जाए.
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