इसलिए मैं फिसल गई’, चुनाव हारने वालीं बीजेपी प्रत्याशी स्वीटी सिंह का बड़ा खुलासा
किशनगंज से भाजपा उम्मीदवार स्वीटी सिंह ने 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में हार की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि मतदाताओं का प्यार मिला, पर मुस्लिम मतदाताओं ने उन्हें बांट दिया। उन्होंने यह भी कहा कि वे हारकर भी जनता के लिए हमेशा खड़ी रहेंगी।
किशनगंज। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में किशनगंज सीट से पांचवी बार हार का सामना करने वालीं भाजपा प्रत्याशी स्वीटी सिंह ने शनिवार की शाम जिला भाजपा कार्यालय में हार की समीक्षा की। रविवार को धर्मगंज स्थित अपने आवास में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि मतदाताओं का उन्हें भरपूर प्यार मिला, लेकिन वो हार गईं।
उन्होंने कहा कि जीत-हार होती रहती है, लेकिन वो हमेशा जनता के बीच बनीं रहेंगी। उन्होंने कहा, “मुस्लिम मतदाताओं ने मुझे हिंदू-मुस्लिम में बांट दिया, इसलिए मैं फिसल गई। मुझे आशा थी कि मुझे इस बार मुस्लिम मत भी मिलेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ”।
उन्होंने आगे कहा कि मैं कुछ वोट से हार गई हूं, लेकिन मैं उसको हार नहीं कहूंगी। उन्होंने कहा कि हम यहां हारे हैं, लेकिन बिहार में सरकार हमारी है। हमारे पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भी अपने हैं। मैं हारकर भी जनता के लिए विधायक रहूंगी और समस्याओं का निवारण करने के लिए सदैव खड़ी रहूंगी।
पूर्व विधायक सिकंदर सिंह ने कहा कि कोई भीतरघात नहीं हुआ है और सभी का साथ मिला है। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं ने पूरा मेहनत की, पार्टी ने भी मुझ पर पूरा भरोसा किया। इससे पहले जितने भी चुनाव में मुझे हार मिली, वह पार्टी में भीतरघात के कारण ही मिली थी, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ।
हालांकि, स्वीटी सिंह ने कहा कि इस बार उन्होंने जिस तरह से चुनाव लड़ा था उससे उनकी जीत निश्चित थी और हिंदू वोटरों ने उनका भरपूर साथ दिया है, लेकिन मुस्लिम वोटरों ने उन्हें बांट दिया। जिस वजह से उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
वहीं, कोचाधामन विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी वीणा देवी इस दौरान भावुक हो गईं और उनकी आंख से आंसू छलक आए। उन्होंने कहा कि मतदाताओं का भरपूर प्यार उन्हें मिला है और हमेशा वो सभी के सुख-दुख में शामिल होंगी।
दरअसल, विधानसभा चुनाव के दौरान एनडीए की दोनों सीट पर चुनाव लड़ रहे भाजपा महिला प्रत्याशियों के चुनाव प्रचार में एक भी प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर के स्टार प्रचारक नहीं आए थे। दोनों सीटों पर महिला उम्मीदवारों ने अपने स्तर से ही प्रचार प्रसार किया था और आखिर में दोनों को चुनाव में हार का सामना करना पड़ा।
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