कारगिल विजय दिवस पर बलिदानियों को नमन कर रहा प्रदेश, राज्यपाल ने शौर्य स्थल पर शहीदों को दी श्रद्धांजलि

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कारगिल विजय दिवस के अवसर पर आज पूरा देश बलिदानियों को नमन कर रहा है। उत्तराखंड में बलिदानियों को याद कर लोग उन्हें नमन कर रहे हैैं। इस अवसर पर राज्यपाल ले जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने देहरादून के चीड़बाग स्थित शौर्य स्थल पर बलिदानियों को श्रद्धांजलि दी।

राज्यपाल ने दी बलिदानियों को श्रद्धांजलि
आज कारगिल विजय दिवस पर उत्‍तराखंड के बलिदानियों को नमन किया गया। राज्यपाल ले जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने राजधानी देहरादून के चीड़बाग स्थित शौर्य स्थल पर बलिदानियों को श्रद्धांजलि दी।

इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत की सेना ने अपने शौर्य और पराक्रम से हमेशा देश का गौरव बढ़ाया है। इस पर हम सभी को गर्व है। राष्ट्र की सीमाएं इन वीर जवानों के त्याग एवं बलिदान के कारण ही सुरक्षित हैं।

उत्तराखंड के 75 जवानों ने कारगिल में दी थी शहादत
उत्तराखंड को यूं ही वीरों की भूमि नहीं कहा जाता। यहां हर एक घर से एक जवान भारतीय सेना का हिस्सा है। जिस कारण इसे बीरों की भूमि कहा जाता है। देश की रक्षा के लिए उत्तराखंड के जांबाजों ने अपना सब कुछ न्यौछावर किया है।

साल 1999 का कारगिल युद्ध कोई नहीं भूल पाया है। कारगिल सुनते ही लोगों को भारतीय सेना के जवानों को अदम्य शौर्य और साहस याद आता है और हर किसी का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है। कारगिल युद्ध में उत्तराखंड के 75 जवान देश रक्षा करते हुए शहीद हो गए थे।

37 जवानों को मरणोपरांत मिले वीरता पुरस्कार
कारगिल में देश की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की रक्षा करते हुए 75 जवान शहीद हुए थे। जिसमें से 37 जवानों को युद्ध के बाद उनके अदम्य शौर्य और साहस के लिए महावीर चक्र, वीर चक्र के लेकर मैन इन डिस्पैच पुरस्कार से नवाजा गया।