सॉरी मम्मी, पापा…, लिख कर छात्रा ने किया सुसाइड, गौतम अडानी भी हो गए दुखी, एक्स पर लिखा ये…

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में एक छात्रा की सुसाइड का मामला सामने आया है। 18 वर्षीय 12वीं कक्षा की छात्रा गोरखपुर के एक कोचिंग संस्थान में पढ़ाई करती थी। बताया जा रहा है कि जेईई मेन्स में कम अंक आने से छात्रा निराश थी। इसी निराशा में उसने ये आत्मघाती कदम उठाया। आपको बता दें कि इंजीनियरिंग में दाखिले के लिए आयोजित प्रतियोगी परीक्षा का रिजल्ट हाल ही में घोषित किया गया है।
सॉरी मम्मी – पापा मुझे माफ करना…
कथित तौर पर आत्महत्या करने वाली 12वीं की छात्रा ने अपने माता-पिता के लिए सुसाइड नोट भी छोड़ा है। इसमें उसने पेरेंट से माफी मांगते हुए लिखा कि, ‘माफ करना मम्मी और पापा। कृपया, मुझे माफ कर दीजिए। मैं नहीं आ सकी। हमारी साथ की यात्रा यहीं समाप्त होती है। रोना मत। आप दोनों ने मुझे बहुत प्यार दिया। मैं आपके सपने पूरे नहीं कर सकी। मैंने बहुत कोशिश की, लेकिन नहीं हो पाया। आप हमेशा खुश रहना। यह मत सोचना कि आपकी वजह से मैंने ऐसा किया। मैं आपसे बहुत प्यार करती हूं, अब थक चुकी है और शांति चाहती हूं।’
देर तक नहीं खुला हॉस्टल का दरवाजा
बताया जा रहा है कि कोचिंग संस्थान में पढ़ने वाली 12वीं की छात्रा को परिणाम उम्मीद के अनुसार नहीं मिले। परीक्षा में कम अंक आने से वह बेहद दुखी थी और गहरे अवसाद में चली गई और अपने हॉस्टल के कमरे में काफी देर तक बंद रही। जब उसने दरवाजा नहीं खोला तो साथी छात्रों ने वार्डन को सूचना दी। वार्डन ने पुलिस की मदद से दरवाजा खुलवाया, जहां छात्रा को सफेद दुपट्टे से फंदे से लटका पाया गया।
गौतम अडानी भी हुए दुखी
इस घटना की खबर समाचार माध्यमों में आने के बाद देश के बड़े उद्योगपति गौतम अडानी ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी है। सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर इस खबर को साझा करते हुए गौतम अडानी ने लिखा है कि, ‘अपेक्षाओं के बोझ तले दबकर एक होनहार बेटी का यूं चले जाना हृदयविदारक है। जीवन किसी भी परीक्षा से बड़ा होता है- यह बात अभिभावकों को खुद भी समझनी होगी और बच्चों को भी समझानी होगी। मैं पढ़ाई में बहुत सामान्य था। पढ़ाई एवं जीवन में कई बार असफल भी हुआ, लेकिन हर बार जिंदगी ने नया रास्ता दिखाया। मेरी आप सभी से बस इतनी सी विनती है – असफलता को कभी आखिरी मंज़िल न समझें। क्योंकि ज़िंदगी हमेशा दूसरा मौका देती है…!
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