उत्तराखंड में बारिश का कहर, कुमाऊं में अब भी 243 सड़कें बंद, लोग परेशान

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उत्तराखंड में बारिश तो थम गई है लेकिन बारिश के बाद चारों ओर तबाही के निशान देखने को मिल रहे हैं। कई लोगों के आशियाने मलबे में दफन हो गए हैं तो कहीं सड़कें मलबे और बोल्डरों से पटीं हुई हैं। कुमाऊं में भारी के कारण भारी नुकसान देखने को मिला है। अब भी कुमाऊं मंडल की 243 सड़कें बंद है।


बारिश के कारण कुमाऊं में अब भी 243 सड़कें बंद
बारिश थमने के बाद भी लोगों की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। कुमाऊं में भारी बारिश के कारण भारी तबाही देखने को मिली है। मलबा और बोल्डर आने के कारण कुमाऊं की 243 सड़कें अब भी बंद हैं। सबसे ज्यादा नुकसान चंपावत जिले में हुआ है। चंपावत जिले में ही सड़कें बंद होने से डेढ़ लाख से भी ज्यादा की आबादी प्रभावित है। लोगों को रोजमर्रा की जरूरतों के सामान के लिए भी दिक्कत हो रही है। सड़कें बंद होने के कारण कई किलोमीटर का सफर पैदल तय कर लोग सामान ला रहे हैं।

टनकपुर-पिथौरागढ़ एनएच बंद होने से एक करोड़ का नुकसान
मिली जानकारी के मुताबिक टनकपुर-पिथौरागढ़ एनएच चार दिनों से बंद है। इसके बंद होने से करीब एक करोड़ से अधिक का नुकसान हो गया है। बता दें कि हाईवे पर स्वांला के पास मलबा आने के कारण चार दिनों से बंद है। सड़क बंद होने से अब गावों में जरूरी सामान की किल्लत होने लगी है। रोड ब्लॉक होने के कारण रसोई गैस सिलिंडर के वाहन भी फंसे हुए हैं। सेना के वाहन भी बीते तीन दिनों से सड़क खुलने का इंतजार कर रहे हैं। सब्जी और दूध के वाहन भी लोगों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं।

कहां पर कितनी सड़कें हैं बंद ?
जहां एक ओर बारिश से सबसे ज्यादा जान-माल का नुकसान चंपावत जिले में हुआ है तो वहीं दूसरी ओर सड़कें भी सबसे ज्यादा चंपावत जिले में ही बंद हैं। चंपावत में 98 सड़कें, पिथौरागढ़ में 49 सड़कें, नैनीताल में 58 सड़कें, अल्मोड़ा में 28 सड़कें, बागेश्वर में 10 सड़कें, द्वाराहाट में 27 सड़कें, चौखुटिया में 30 सड़कें बंद हैं।