शासन की स्वीकृति के बिना मंडी में सृजित हुआ पद
शासन ने निरस्त किया उपमहाप्रबंधक विपणन का पद
रुद्रपुरहल्द्वानी skt.com
अपने विचित्र कार्यों के लिए चर्चा में रहने वाला उत्तराखंड कृषि उत्पादन विपणन बोर्ड ने शासन की स्वीकृत का इंतजार किए बगैर अपने विशेष चेहते को महाप्रबंधक वितरण के पद पर तैनात कर दिया जिसका मंडी के अंदर ही विरोध हो गया उसके बाद इस संबंध में कोर्ट कचहरी तक मामला पहुंच गया हाई कोर्ट के निर्देश के बाद शासन में सेवा नियमावली के तहत पद स्वीकृत हुए बगैर इस पद को निरस्त करने का आदेश दिया गया हालांकि अभी भी शासन में या मामला लटका हुआ है कोर्ट के आदेश के बावजूद भी इस पद को अभी निरस्त नहीं किया गया है
उत्तराखंड कृषि उत्पादन विपणन बोर्ड (अधिकारी और कर्मचारी अधिष्ठान) सेवा विनियमावली 2023 को शासन ने अभी तक अनुमति नहीं दी है। सेवा विनियमावली तैयार न होने के बाद भी बोर्ड ने चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए उप महाप्रबंधक विपणन का पद गठित कर दिया।
एक अधिकारी इसके खिलाफ कोर्ट चले गए। उधर, हाईकोर्ट के आदेश पर शासन ने उप महाप्रबंधक विपणन पर की गई नियुक्ति को निरस्त कर दिया। उधर, मंत्री के एक पत्र के बाद बोर्ड बैकफुट पर आ गया।
बोर्ड ने शासन से इस पत्र का हवाला देकर जवाब मांगा है। उत्तराखंड शासन कृषि एवं कृषक कल्याण अनुभाग-2 के संयुक्त सचिव महिमा रौंकली ने कार्यालय ज्ञाप जारी किया है। इसमें मंडी सचिव विश्वविजय सिंह बनाम उत्तराखंड राज्य व अन्य की ओर से हाईकोर्ट में दायर रिट का हवाला दिया गया है। इसमें कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कहा गया है कि उत्तराखंड कृषि उत्पादन विपणन बोर्ड एवं अधीनस्थ मंडी समितियों के संरचनात्मक ढांचे में उपमहाप्रबंधक विपणन का पद स्वीकृत न होने के बाद भी उस पद की व्यवस्था किए जाने को उचित नहीं ठहराया है।
साथ ही इस पद पर की गई नियुक्ति/तैनाती को निरस्त कर दिया है। साथ ही मंडी परिषद के प्रबंध निदेशक को निर्देश दिए हैं कि वे शासन को संरचनात्मक ढांचे में स्वीकृत पदों के अतिरिक्त अन्य आवश्यक पदों की स्वीकृति का संशोधित प्रस्ताव शासन की स्वीकृति के लिए उपलब्ध कराएं। उधर, प्रबंध निदेशक ने अब तक उप महाप्रबंधक विपणन का पद समाप्त नहीं किया है।
वही मंडी परिषद के एमडी बीएस चलाल ने बताया कि शासन ने उप महाप्रबंधक विपणन के पद पर की गई नियुक्ति को निरस्त कर दिया है। मंत्री ने शासन को पत्र भेजा है जिसमें इस पद को बनाए रखने की बात कही गई है। शासन से इस बारे में दिशा-निर्देश मांगे गए हैं।
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