चर्चित IAS पूजा खेडकर पर UPSC में फर्जी दिव्यांगता सर्टिफिकेट लगाने का आरोप, 6 बार मेडिकल छोड़ा फिर भी बन गईं अफसर

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IAS PUJA KHEDKAR, आईएएस पूजा खेडकर
महाराष्ट्र कैडर की आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर (Puja Khedkar) एक बार फिर से चर्चाओं में हैं। इस बार आईएएस पूजा अपने ट्रांसफर की वजहों से चर्चाओं में हैं।


दरअसल पूजा 2023 की IAS अफसर हैं और अहमदनगर की रहने वाली हैं। हाल ही में पूजा खेडकर का तबादला पुणे से वाशिम कर दिया गया है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उनपर पद का दुरुपयोग करने का आरोप है और इसी के बाद उनका ट्रांसफर किया गया है। पूजा इसके पहले भी कई वजहों से चर्चाओं में रहीं हैं। उनपर ट्रेनी के तौर पर काम करत हुए वीआईपी नंबर, घर और गाड़ी की डिमांड करने के आरोप लगे। इसके बाद वो चर्चाओं में आ गईं।

फर्जी दिव्यांगता सर्टिफिकेट लगाने के आरोप
अपने पुराने विवादों के साथ ही अब पूजा खेडकर पर फर्जी प्रमाणपत्र जमा करने के सनसनीखेज आरोप भी लगे हैं। AAJ TAK की एक रिपोर्ट के मुताबिक पूजा ने आईएएस की परीक्षा के समय यूपीएसी में जो दिव्यांगता प्रमाण पत्र लगाया वो सवालों के घेरे में है। दरअसल पूजा को यूपीएससी में 821वीं रैंक मिली थी। उन्होंने संघ लोक सेवा आयोग यानी यूपीएससी को दिए एक हलफनामे में बताया है कि वह मानसिक रूप से अक्षम हैं और उन्हें देखने में भी दिक्कत होती है।

मेडिकल में शामिल हुए बिना ही मिल गई नियुक्ति
NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, पूजा ने मेडिकल टेस्ट देने से 6 बार मना किया था। मेडिकल टेस्ट देना जरूरी होता है। अपुष्ट रिपोर्ट्स बताती हैं कि पूजा का पहला मेडिकल टेस्ट दिल्ली AIIMS में अप्रैल 2022 में शेड्यूल हुआ था। उन्होंने कोविड पॉजिटिव होने का हवाला देकर इसमें शामिल होने से मना कर दिया था। यहां उनका एमआरआई होना था और कुछ और जांचें भी की जानी थीं।

बाद में उन्होंने एक एमआरआई रिपोर्ट यूपीएससी में सबमिट कर दी। उसी के आधार पर उन्हे दिव्यांग मान लिया गया। हालांकि ये साफ नहीं हुआ है कि जब पूजा ने मेडिकल में शामिल होने से मना कर दिया था तो फिर सेलेक्शन क्यों और कैसे हुआ? वहीं अब उनके OBC सर्टिफिकेट को लेकर भी सवाल उठ रहें हैं।

प्रोबेशन के दौरान की केबिन की डिमांड
दरअसल पूजा खेडकर (IAS Puja Khedkar) पुणे में अस्सिटेंट कलेक्टर के रूप में प्रोबेशन पर तैनात थीं। नियमों के मुताबिक उन्हे सुविधाएं दी गईं थीं लेकिन वो प्रोबेशन के दौरान ही वीआईपी नंबर की गाड़ी, घर और लग्जरी गाड़ी की डिमांड करने लगीं। उन्होंने अपने मातहत अधिकारियों से इसकी व्यवस्था करने के लिए कहा। यही नहीं, पूजा ने अपने लिए एक अलग केबिन की मांग भी की। नियमों के तहत प्रोबेशन पर आए अधिकारी को ये सुविधाएं नहीं मिलती हैं। बताते हैं कि जब उनकी डिमांड नहीं पूरी हुई उन्होंने एडिशनल कलेक्टर के कमरे पर ही कब्जा कर लिया।

गाड़ी पर बत्ती लगवाई, ये भी लिखवाया
पूजा खेडकर अपने कई अन्य कामों को लेकर भी चर्चाओं में रहीं हैं। इन्ही में से एक है अपनी प्राइवेट व्हीकल पर लाल नीली बत्ती लगवाना। दरअसल नियमों के तहत प्रोबेशन पर आए अधिकारी अपनी गाड़ियों पर ऐसी बत्तियां नहीं लगा सकते हैं लेकिन पूजा ने नियमों को दरकिनार कर अपनी निजी गाड़ी पर लाल नीली बत्ती लगवाई और इसकी तस्वीरें भी साझा कीं।

पूजा पर अपने पद का दुरुपयोग करने के आरोप शुरु से लगते रहें हैं। यही वजह है कि वो अक्सर चर्चाओं में भी बनी रहती हैं। ज्वाइंग के बाद से ही पूजा अपने पद का दुरुपयोग करने लगीं और तरह तरह की डिमांड करने लगीं जो एक ट्रेनी आईएएस अधिकारी के लिए पॉसिबल नहीं है। इसके बाद इनका ट्रांसफर पुणे से महाराष्ट्र के वाशिम जिले में कर दिया गया।

विपक्ष के नेताओं ने उठाए सवाल
पूजा खेडकर जहां विवादों में हैं वहीं अब विपक्ष ने सरकार पर भी सवाल उठाने शुरु कर दिए हैं। विपक्षी नेताओं ने सरकार से पूछा है कि आखिर प्रोबेशन के दौरान आए किसी अधिकारी को उसके होम डिस्ट्रिक्ट में ही कैसे नियुक्ति मिल सकती है