पाकिस्तान में प्रदूषण का कहर! AQI 1900 के पार, लॉकडाउन लगने की बन रही स्थिति

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पाकिस्तान (Pakistan) के शहर लाहौर ने इन दिनों दुनिया के सबसे प्रदूषित शहर होने का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। यहां वायु प्रदूषण चरम पर है, और एयर क्वालिटी इंडेक्स(AQI) का स्तर 1900 के पार हो गया है।आपको बता दें की लाहौर कभी अपनी हरियाली, सुंदर बाग बगीचों के लिए जाना जाता था। लेकिन अब इस शहर में प्रदूषण के चलते लॉकडाउन लगाने तक की नौबत आ गई है।

पाकिस्तान में एयर पॉल्यूशल का कहर

लाहौर का AQI 1900 के पार जाने के बाद पूरे शहर में धुंध और धुएं का कहर देखने मिल रहा है। इस वक्त लाहौर के एक करोड़ 40 लाख लोग हर दिन 83 सिगरेट के धुए जितनी ज़हरीली हवा में सांस ले रहे हैं। स्थानीय लोगों की मानें तो इसकी वजह पेड़-पौधों में गिरावट और गाड़ियों से निकलने वाला धुआं है। लिहाजा डॉक्टर्स का कहना है कि अगर लोग मास्क का इस्तेमाल नहीं करेंगे और सरकारी निर्देशों का पालन नहीं करेंगे, तो शहर को लॉकडाउन का सामना करना पड़ सकता है।

सरकार ने लगाया ग्रीन लॉकडाउन

हालांकि लाहौर की इस स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने यहां ग्रीन लॉकडाउन लगा दिया। जिसके तहत लोगों को घर से काम करने, स्कूलों को अस्थायी रूप से बंद करने और आम नागरिकों को घर बाहर निकलते समय फेस मास्क पहनने के साथ ही बच्चों-बुजुर्गों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी है।

भारत है पाकिस्तान में प्रदूषण का जिम्मेदार

वहीं पाकिस्तान, लाहौर के इस प्रदूषण के लिए भारत को जिम्मेदार ठहरा रहा है। पंजाब की सूचना मंत्री अजमा बुखारी का कहना है की अमृतसर और चंडीगढ़ की दिशा से आने वाली हवाओं की वजह से लाहौर में प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ा है। हालांकि IMD ने ये सभी आरोप खारिज कर दिए हैं। IMD का कहना है कि दीवाली के बाद हवा पश्चिम से पूर्व की तरफ लगभग 15 किमी/घंटा की गति से आ रही थी। इसलिए प्रदूषण का पाकिस्तान की तरफ जाने का कोई सवाल ही नहीं है।लाहौर के अलावा कराची, पेशावर, इस्लामाबाद, रावलपिंड़ी और मुल्तान में भी प्रदूषित हवा है।

पाकिस्तान में प्रदूषण की वजह

पाकिस्तान के एक रिसर्च पेपर की मानें तो लाहौर और बाकी शहरों के 83 पर्सेंट प्रदूषण की वजह गाड़ियों से निकलने वाला धुआं है। नौ पर्सेंट फैक्ट्रियों से, साढ़े तीन पर्सेंट कूड़े से और चार पर्सेंट पराली का धुआं है। ऐसे हालात ना सिर्फ लाहौर के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक चेतावनी है। अगर समय रहते पर्यावरण संरक्षण के लिए ठोस कदम नहीं उठाए गए तो आने वाले दिनों में हमें और भी खतरनाक परिणामों का सामना करना पड़ सकता है।