साइबर ठागो पर शिकंजा कसने के लिए राजधानी में तैयार हुआ प्लांन

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राज्य में साइबर क्राइम के मामले दिन पर दिन बढ़ते जा रहे हैं जिस को रोकने के लिए पुलिस प्रशासन के द्वारा अपने स्तर पर कोशिशें जारी है लेकिन आम जनता को ठगने के लिए साइबर ठग नए-नए तरीके निकालती रहती है जिसकी वजह से इन ठागो को पकड़ना काफी मुश्किल हो जाता है लेकिन साइवर ठगी के मामलों को देखते हुए उत्तराखण्ड पुलिस मुख्यालय सभागार में साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए संयुक्त साइबर क्राइम को-ऑर्डिनेशन टीम की (JCCT)-(V)- एक दिवसीय कॉन्फ्रेंस आयोजित की गयी। इसमें बढ़ते साइबर अपराधों के परिप्रेक्ष्य में चर्चा की गयी। साइबर अपराधी आम जनता की गाढ़ी कमाई को हड़पने के लिए नये-नये तरीके अपना रहे हैं और धोखाधड़ी कर रहे हैं।

विगत कुछ वर्षों में साईबर अपराध के मामलो मे लगातार बढोत्तरी हो रही है जिसमें दोनों ही वित्तीय एवं गैर वित्तीय मामले सामने आ रहे हैं।साइबर अपराधों की रोकथाम एवं अनावरण हेतु पुलिस, Law Enforcement Agencies (LEA) लगातार प्रयासरत है। यह भी देखा गया है कि बैंक/वॉलेट/पेमेंट गेटवे आदि से भी पुलिस को लगातार समन्वय स्थापित करना पड़ता है, जिस क्रम में आज दिनांक 01 अक्टूबर को अशोक कुमार, पुलिस महानिदेशक उत्तराखण्ड महोदय की अध्यक्षता में संयुक्त साइबर क्राइम को-ऑर्डिनेशन टीम (JCCT)-V की द्वितीय Regional Conference पुलिस मुख्यालय देहरादून में आयोजित की गयी। इससे पूर्व JCCT-V की प्रथम Regional Conference विगत वर्ष चण्डीगढ़ में ऑनलाइन आयोजित हुई थी ।संयुक्त Cyber Crime Co-ordination (JCCT) गृह मंत्रालय, भारत सरकार के I4C (Indian Cyber Crime Co-ordination Centre) की एक अहम एवं नई पहल है जिसमें पूरे भारत को विभिन्न Cyber Zone में विभाजित किया गया है, जिसमें उत्तराखण्ड राज्य को North Zone में रखा गया है। इस zone में जम्मू कश्मीर, लद्दाख, हरियाणा, हिमांचल प्रदेश, पंजाब, चण्डीगढ़, उत्तराखण्ड एवं गृह मंत्रालय इस समूह के सदस्य हैं। इस समूह का उद्देश्य आपसी समन्वय स्थापित करना, सूचना एवं अपराध के विश्लेषित आंकड़ो को एक दूसरे से आदान प्रदान करना,

अभियोगों में अभियुक्तो की गिरफ्तारी हेतु मिलकर सामुहिक स्तर पर प्रयास करना है।इस बैठक मे North Zone के सदस्य राज्य व केन्द्र शासित प्रदेशों के पुलिस अधिकारियों के साथ-साथ, Intelligence Bureau (IB), Enforcement Directorate (ED), Central Bureau of Investigation (CBI), Department of Telecom (DOT), Reserve Bank of India (RBI), Registrar of Companies (ROC), Registrar of Co-operative Societies (RCS) एवं विभिन्न पेमेंट गेटवे, वॉलेट, बैंक आदि के प्रतिनिधियों द्वारा भी प्रतिभाग किया गया है।बैठक में विभिन्न साइबर अपराध, आर्थिक अपराध एवं संगठित अपराध पर अंकुश लगाने हेतु सुझावो पर विचार विमर्श हुआ ।

विभिन्न राज्यो द्वारा अपने-अपने अभियोगों के अनावरण हेतु किये गये उल्लेखनीय कार्यों का वर्णन किया गया। इस बैठक से समस्त राज्यों की पुलिस, LEA (Law Enforcement Agencies) को साइबर अपराध में अपराधियो के विरुद्ध समन्वयसे कार्यवाही करने हेतु एक प्लेटफार्म दिया गया है।बैठक में पुलिस उपमहानिरीक्षक, चण्डीगढ़- ओमवीर सिंह, उप सचिव, गृह मंत्रालय भारत सरकार- दीपक विरमानी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, जम्मू-कश्मीर, गुरिन्दरपाल सिंह, पुलिस अधीक्षक, हरियाणा- राजेश कालिया, पुलिस अधीक्षक, लद्दाख- कमेश्वर पुरी, पुलिस अधीक्षक, चण्डीगढ़- केतन बंसल, उप निदेशक ED- रविन्द्र जोशी, Asst. DG DOT- विशाल और अंकुर, उप महप्रबन्धक, रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया- मनोज और रोहित, ROC JTA- खजान सिंह, Additional Registrar RCS- आनन्द शुक्ला, पुलिस अधीक्षक, सीबीआई- पीके पाणिग्रही, सहायक पुलिस आयुक्त, चण्डीगढ़- रश्मि शर्मा, अपर पुलिस अधीक्षक, हिमाचल प्रदेश- नरवीर सिंह राठौर, पुलिस उपाधीक्षक, पंजाब- समरपाल सिंह एवं आसूचना ब्यूरो के अधिकारी और उत्तराखण्ड पुलिस से पुलिस महानिरीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था- वी मुरूगेशन, पुलिस महानिरीक्षक, अभिसूचना एवं सुरक्षा- संजय गुंज्याल, पुलिस उपमहानिरीक्षक, सुरक्षा- कृष्ण कुमार वीके, अजय सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ सहित अन्य पुलिस अधिकारी उपस्थित रहे।